Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की दो टूक- गरीबों को तंग न करें, कब्जाधारियों पर करें कार्रवाई
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिकारियों से कहा कि वे गरीबों पर कार्रवाई करने के बजाय उन पर करें जिन्होंने जंगलों के बड़े हिस्सों पर अवैध कब्जा किया हुआ है। पीढ़ियों से जंगलों में रह रहे गरीबों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिकारियों से कहा कि वे गरीबों पर कार्रवाई करने के बजाय उन पर करें जिन्होंने जंगलों के बड़े हिस्सों पर अवैध कब्जा किया हुआ है। पीढ़ियों से जंगलों में रह रहे गरीबों के हितों की रक्षा करनी चाहिए। सरकार वनों पर निर्भर गरीब लोगों के हितों व अधिकारों की रक्षा तथा वन अधिकार कानून को लागू करने के लिए वचनबद्ध है।
उपराज्यपाल ने शेर-ए-कश्मीर कृषि, तकनीक और विज्ञान विश्वविद्यालय कश्मीर में विकास प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखते हुए कहा कि प्रशासन लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए कदम उठा रहा है। उपराज्यपाल ने एग्रो फारेस्टरी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ब्र्रांडग, मार्र्केंटग, ट्रांसपोर्ट के कदम उठाए गए हैं। उत्पादों की जीआइ र्टैंगग, रात के समय में फ्लाइट शुरू करने जैसे कदमों से किसानों को फायदा हुआ है।
10 करोड़ रुपये की लागत वाले मिनी वाटरशेड प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखा
सिन्हा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए सरकार हर जिले में दो एफपीओ खोल रही है। सरकार सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर काम कर रही है ताकि युवा खेती को अपना भविष्य के रूप में चुनें। सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर कृषि, विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय कश्मीर का दौरा कर 5.30 करोड़ के फारेस्टरी फैकल्टी के लड़कों के नए हॉस्टल का उद्घाटन किया। उन्होंने 10 करोड़ रुपये की लागत वाले मिनी वाटरशेड प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखा। उन्होंने 3.80 करोड़ वाले प्रशिक्षु हॉस्टल, आठ करोड़ से एकेडमिक ब्लाक का शिलान्यास किया। उपराज्यपाल ने उन्नत किसानों को भी सम्मानित किया। उन्होंने 10 किसानों को चैम्पियन फार्मर अवार्ड दिए जिसमें पांच-पांच हजार की राशि दी गई। उन्होंने कृषि और फारेस्टरी के सात प्रकाशन को जारी किया।
जम्मू कश्मीर में कृषि व फारेस्टरी के क्षेत्र में बदलाव नजर आ रहा है
उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार की सकारात्मक व भविष्य को मद्देनजर रखकर बनाकर अपनाए जा रहे रवैये से जम्मू कश्मीर में कृषि व फारेस्टरी के क्षेत्र में बदलाव नजर आ रहा है। इन क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ रहा है। उपराज्यपाल ने कृषि के क्षेत्र में मानव संसाधन पैदा करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। लैब में नवीनीकरण को खेतों में ले जाने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। हमारी अधिकतर जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। गांवों का विकास इस तरह से हो सकता है कि हम अपने वनों के संसाधन की सरंक्षण करें। हमारे युवाओं, वैज्ञानिकों, अधिकारियों को वनों के संरक्षण के लिए काम करना चाहिए।