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Jammu Kashmir: उपराज्यपाल ने अचानक बुलाई बैठक, सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति पर संशय, मेहता श्रीनगर पहुंचे

बैठक संंबंधी एक सर्कुलर जारी होना पहले से जारी अटकलों को बढ़ा गया है। कहा जा रहा है कि बैठक में निवर्तमान मुख्य सचिव नहीं होंगे बल्कि नवनियुक्त मुख्य सचिव एके मेहता शामिल रहेंगे और वह सुबह 10 बजे के करीब औपचारिक रूप से अपना कार्यभार संभालेंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 08:31 AM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 08:31 AM (IST)
Jammu Kashmir: उपराज्यपाल ने अचानक बुलाई बैठक, सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति पर संशय, मेहता श्रीनगर पहुंचे
जम्मू कश्मीर के वित्तायुक्त एके मेहता को उनके स्थान पर मुख्यसचिव नियुक्त कर दिया गया।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : नवनियुक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार (एके) मेहता आज सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में होने वाली उच्चस्तरीय बैठक के साथ ही औपचारिक रूप से अपना कार्यभार संभालेंगे। उपराज्यपाल द्वारा अचानक ही 31 मई को सभी प्रशासनिक सचिवों की बुलाई गई बैठक में निवर्तमान मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति को लेकर देर रात गए तक संशय बना हुआ था।

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आजादी के बाद जम्मू कश्मीर की नौकरशाही में ऐसा पहली बार हुआ है, जब निवर्तमान मुख्य सचिव द्वारा औपचारिक रूप से कार्यभार छोड़ने से पहले ही सभी प्रशासनिक अधिकारियों को सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज नवनियुक्त मुख्य सचिव को भी भेजने का निर्देश दिया गया हो। वहीं, एके मेहता श्रीनगर पहुंच गए हैं।

उल्लेखनीय है 27 मई को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के मुख्यसचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम को केंद्रीय वाणिज्य मंत्राल में आफिसर ऑन स्पेशल डयूटी तैनात कर दिया। इसके साथ ही कहा गया कि वह 30 जून को मौजूदा केंद्रीय वाणिज्य सचिव के सेवानिवृत्त होते ही वाणिज्य सचिव का कार्यभार संभालेंगे। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर के वित्तायुक्त एके मेहता को उनके स्थान पर मुख्यसचिव नियुक्त कर दिया गया।

सुब्रह्मण्यम केंद्र के फैसले से संतुष्ट नहीं: सूत्रों की मानें तो बीवीआर सुब्रह्मण्यम केंद्र के इस फैसले से कथित तौर पर संतुष्ट नहीं है। वह चाहते हैं कि उन्हेंं कम से कम सात जून तक जम्मू कश्मीर में ही मौजूदा कार्यभार के साथ रहने दिया जाए। इस मामले में शायद किसी को कोई विवाद नजर नहीं आता, अगर दो दिन पहले प्रदेश प्रशासन सभी वरिष्ठ अधिकारियों को सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज और फाइलें 30 मई 2021 से ही नवनियुक्त मुख्य सचिव एके मेहता को भेजने का आदेश जारी नहीं करता। हालांकि, एके मेहता ने बतौर मुख्य सचिव औपचारिक रूप से कार्यभार नहीं संभाला है।

...और शुरू हुईं अटकलें: नवनियुक्त मुख्य सचिव को फाइलें भेजने के आदेश से शुरू हुई अटकलबाजियों ने रविवार की दोपहर बाद उस समय और जोर पकड़ा जब महाप्रशासनिक विभाग में उपसचिव मलिक सुहेल द्वारा उपराज्यपाल की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली बैठक का एक सर्कुलर जारी हुआ। इसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा 31 मई 2021 की सुबह 11 बजे मुख्य सचिव और सभी प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक करेंगे। इसमें प्रशासनिक गतिविधियों, कोविड प्रबंधन व अन्य नीतिगत मामलों पर चर्चा होगी। सभी प्रशासनिक सचिव बैठक में उपस्थित रहें, जो प्रशासनिक सचिव जम्मू संभाग में हैं, वह वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इसमें शामिल हों।

मेहता सुबह 10 बजे संभालेंगे औपचारिक तौर पर कार्यभार: रविवार दोपहर को बैठक संबंधी जारी सूचना में सामान्य तौर पर भी कुछ भी असामान्य नजर नहीं आता, लेकिन जिस तरह से अचानक एके मेहता दोपहर बाद श्रीनगर पहुंचे और उसके साथ ही बैठक संंबंधी एक सर्कुलर जारी होना, पहले से जारी अटकलों को बढ़ा गया है। कहा जा रहा है कि बैठक में निवर्तमान मुख्य सचिव नहीं होंगे बल्कि नवनियुक्त मुख्य सचिव एके मेहता शामिल रहेंगे और वह सुबह 10 बजे के करीब औपचारिक रूप से अपना कार्यभार संभालेंगे।

सुब्रह्मण्यम के कार्यकाल की जांच की मांग: जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव पद से स्थानांतरित होकर वाणिज्य मंत्रालय में ओएसडी बनाकर भेजे गए बीवीआर सुब्रह्मण्यम के कार्यकाल की इकजुट जम्मू के प्रधान अंकुर शर्मा ने जांच करवाने की मांग की है। शर्मा ने कहा कि सिर्फ बीवीआर सुब्रह्मण्यम को मुख्य सचिव के पद से हटाना काफी नही हैं। पता लगाया जाना चाहिए कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जिन योजनाओं पर काम होना था, वह उनके कार्यकाल में क्यों नहीं हो पाया और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उनकी क्या भूमिका रही। उनके कार्यकाल में अनुच्छेद हटाने के बाद भी जम्मू कश्मीर में कुछ नहीं बदला है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि नए मुख्य सचिव पुराने मुख्य सचिव की नीतियों का पालन नहीं करेंगे। शर्मा ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सरकार खुद अपने फैसले को बदल जम्मू कश्मीर को पुराने रास्ते पर लेकर जा रही है। उन्होंने जम्मू कश्मीर में कोरोना के मामलों को समय पर न संभाल पाने का आरोप भी मुख्य सचिव पर लगाया।


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