कश्मीर में दो संक्षिप्त मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का डिवीजनल कमांडर समीर और पाकिस्तानी आतंकी हमजा ढेर
शाम साढ़े चार बजे के करीब सलीम पर्रे उर्फ बिल्लू अकेला ही शालीमार बाग के पास अपने संपर्क सूत्र से मिलने पहुंचा। सुरक्षाबलों ने उसे जिंदा पकड़ने के लिए जैसे ही उसकी तरफ कदम बढ़ाए वह समझ गया कि उसे घेर लिया गया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। इस्लाम के नाम पर निर्दाेष नागरिकों का गला काटने वाले लश्कर-ए-तैयबा का डिवीजनल कमांडर समीर पर्रे उर्फ बिल्लू सोमवार को सुरक्षाबलों के समक्ष पांच मिनट भी नहीं टिक पाया। ऐतिहासिक शालीमार बाग में सुरक्षाबलों ने उसे 72 हूरों के पास भेजने के लगभग 40 मिनट बाद उसके दूसरे साथी पाकिस्तानी हमजा को भी एक अन्य मुठभेड़ में मार गिराया। दोनों मुठभेड़ लगभग एक घंटे के अंतराल पर हुई और दोनों मुठभेड़स्थल के बीच करीब छह किलोमीटर का अंतर है। दोनों आतंकी ग्रीष्मकालीन राजधानी में एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने का मौका तलाश रहे थे।
उत्तरी कश्मीर में जिला बांडीपोर के हाजिन का रहने वाला सलीम पर्रे उर्फ बिल्लू बीते पांच साल और पाकिस्तान का रहने वाला हाफिज उर्फ हमजा बीते दो साल से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। बिल्लू को डबल ए श्रेणी के आतंकियों में सूचीबद्ध किया किया था और उस पर 12 लाख का इनाम था ।
हाफिज उर्फ हमजा संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बिल्लू और हमजा बीते कुछ दिनों से श्रीनगर के आस-पास देखे जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें पकड़ने के लिए अपने सभी मुखबिरों केा सक्रिय किया । आज दोपहर को पुलिस को पता चला कि समीर पर्रे उर्फ बिल्लू और हाफिज अपने एक संपर्क सूत्र से मिलने के लिए ऐतिहासिक मुगल बाग शालीमार में अाने वाले है। इसके साथ ही यह भी पता चला कि उसने हमजा उर्फ हाफिज के साथ मिलकर शालीमार से आगे हारवन के पास गासू में एक मकान में अपना ठिकाना बनाया है। पुलिस ने उसी समय शालीमार बाग के भीतर और बाहर अपना एक विशेष दस्ता तैनात कर दिया। इसमें सेना की 24 आरआर और सीआरपीएफ के जवानों की भी मदद ली गई।
शाम साढ़े चार बजे के करीब सलीम पर्रे उर्फ बिल्लू अकेला ही शालीमार बाग के पास अपने संपर्क सूत्र से मिलने पहुंचा। सुरक्षाबलों ने उसे जिंदा पकड़ने के लिए जैसे ही उसकी तरफ कदम बढ़ाए, वह समझ गया कि उसे घेर लिया गया है। उसने तुरंत अपने कपड़ों से अपना पिस्तौल निकाला और जवानों पर फायरिंग कर भागने की कोशिश करने लगा। जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया और वह वही बाग की दीवार के पास मारा गया। समीर पर्रेे उर्फ बिल्लू को मार गिराने के बाद सुरक्षाबलों ने तुरंत गासू की घेराबंदी करते हुए संदिग्ध मकानों की तलाशी शुरु की। एक मकान में छिपे बैठे पाकिस्तानी आतंकी हाफिज उर्फ हमजा ने खुद को फंसते देख, सुरक्षाबलों पर फायरिंग करते हुए वहां से भागने का प्रयास किया।
सुरक्षाबलों ने उसके मंसूबों को नाकाम बनाते हुए जवाबी फायर किया। यह मुठभेड़ शाम 05.20 बजे शुरु हुई और लगभग एक घंटे बाद हाफिज उर्फ हमजा के मारे जाने के साथ समाप्त हो गई। आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र शालीमार और गासू में दो अलग अलग मुठभेड़ों में लश्कर के दो आतंकियों सलीम और हाफिज के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि सलीम मोस्ट वांटेड आतंकी था। उसके मारे जाने से न सिर्फ उत्तरी कश्मीर में बल्कि सेंट्रल कश्मीर में भी लश्कर ए तैयबा के नेटवर्क को एक बड़ा धक्का लगा है।