जम्मू-कश्मीर को दहलाने की साजिश, लश्कर और अल-बदर के आतंकी कर सकते हैं हमले, खुफिया एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट
Militant Launching Pads On LoC खुफिया एजेंसी ने बताया है कि लश्कर-ए-तैयबा के कम से कम सात और अल बदर के पांच आतंकवादी पीओके में स्थित दो अलग-अलग इलाकों से जम्मू-कश्मीर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं।
जम्मू, जेएनएन: जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों पर सुरक्षाबलों के बढ़ते शिकंजे से आहत आतंकी संगठन अपनी गतिविधियों को जम्मू व कश्मीर घाटी में बढ़ाने के लिए सीमा पार पाकिस्तान से घुसपैठ की योजना बना रहा है। लश्कर-ए-तैयबा और अल-बदर के आतंकवादियों की सीमा पार बिंबर गली में गतिविधियां भी देखी गई हैं। खुफिया एजेंसी ने इन आतंकी मंसूबों के बारे मेंं जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना को सूचित कर दिया है।
खुफिया एजेंसी ने बताया है कि लश्कर-ए-तैयबा के कम से कम सात और अल बदर के पांच आतंकवादी पीओके में स्थित दो अलग-अलग इलाकों से जम्मू-कश्मीर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। अलर्ट में विशेष रूप से कहा गया है कि पीओके में एक जगह से लश्कर-ए-तैयबा के उग्रवादी लॉन्च पैड कमांडर की मदद से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। जबकि अल बदर के पांच आतंकवादी बालाकोट में एक लॉन्च पैड के पास देखे गए हैं। पुंछ जिले में स्थित बिंबर गली की ओर से इनकी घुसपैठ कराने के लिए एक स्थानीय गाइड की मदद ली जा रही है।
खुफिया एजेंसी ने यह जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय सुरक्षाबल और सेना के साथ साझा की है। अलर्ट जारी होने के बाद से ही सेना ने नियंत्रण रेखा खासकर बिंबर गली से सटी सीमाओं पर गश्त तेज कर दी है। बर्फबारी व बारिश के बीच सेना के जवान सीमा पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षाबलों के लिए अलर्ट बड़ी चिंता का विषय है। सैन्य सूत्रों का कहना है कि यदि आंतकवादी बर्फबारी के बीच इस घुसपैठ का प्रयास कर रहे हैं तो इससे यह बात स्पष्ट होती है कि उनके पास सर्दियों के कपड़ों के साथ-साथ नेविगेशनल उपकरण भी हैं। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि हमारे जवान पूरी तरह से मुस्तैद हैं।
आपको यह जानकारी भी दे दें कि सेना व पुलिस ने हाल ही में कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों में जिन आतंकवादियों को मार गिराया था, उसके पास सर्दियों के कपड़े, जो सेना के जवानों के पास रहते हैं, के अलावा सूखे मेवे, भोजन भी बरामद हुए थे। इससे यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) इन आतंकियों को पूरा सहयोग कर रही है।
खुफिया एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के साथ यह जानकारी भी साझा की है कि आइएसआइ गुलाम कश्मीर में नए नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के अलावा जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए नए रास्ते तलाश रहा है। सुरक्षाबलों ने जिन वायरलेस संदेशों को कुछ दिनों में पकड़ा है, उससे यह बात भी सामने आई है कि आतंकवादियों ने आइएसआइ की मदद से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए आठ नए मार्गों की पहचान की है। ये सभी मार्ग इस समय बर्फ से ढके हुए हैं और यहां सर्दी चरम पर होने की वजह से भारतीय जवानों की यहां गश्त कम रहती है।
इन आतंकी संगठनों का पूरा प्रयास है कि वे घुसपैठ की योजना को 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस से पहले-पहले कामयाब बनाएं ताकि वे इस दिवस पर आतंकी हमले कर सकें। घुसपैठ को सफल बनाने केे लिए इन आतंकी संगठनों ने नए आतंकी लॉन्च पैड भी सक्रिय कर दिए हैं।