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Jammu Kashmir Coronavirus: अस्पतालों में कम पड़े बिस्तर, अब वैष्णवी धाम में भी मरीज भर्ती

कश्मीर के बाद जम्मू में भी अब बिना लक्षण वाले मरीजों को घरों में ही आइसोलेट करने की इजाजत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग को थोड़ी राहत मिलेगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 11:30 AM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 11:30 AM (IST)
Jammu Kashmir Coronavirus: अस्पतालों में कम पड़े बिस्तर, अब वैष्णवी धाम में भी मरीज भर्ती
Jammu Kashmir Coronavirus: अस्पतालों में कम पड़े बिस्तर, अब वैष्णवी धाम में भी मरीज भर्ती

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू होने के बाद कोविड 19 के मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। इससे अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता लगातार कम हो रही है। इसी को देखते हुए राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल और श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पतालों में जहां बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है, वहीं सरस्वती धाम और वैष्णवी धाम में भी अब मरीजों को रखा जा रहा है।

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जम्मू-कश्मीर में सरकार ने कोविड़ 19 के मरीजों के लिए अस्पतालों में त्रिस्तरीय व्यवस्था की थी। एक स्तर, दो स्तर और तीन स्तर के अस्पताल बनाए थे। पहले स्तर के अस्पतालों में सबसे अधिक गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जम्मू संभाग में प्रथम स्तर पर सिर्फ तीन अस्पतालों को ही रखा गया है। इनमें आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। इनमें गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को रखा जा रहा है। इन अस्पतालों राजकीय मेडिकल कालेज, सीडी अस्पताल और आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कालेज शामिल हैं। इनमें वेंटीलेटर तक की व्यवस्था है। द्वितीय स्तर के सात अस्पताल हैं। इनमें 725 आइसोलेशन बिस्तरों की क्षमता है। इनमें सामान्य और गंभीर के बीच की स्थिति वाले मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। तीसरे स्तर पर सबसे अधिक 22 अस्पताल बनाए गए हैं। इनमें सात हजार से अधिक बिस्तरों की क्षमता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ी है, उससे अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी कम हुई है।

अब राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में कोविड के मरीजों के लिए 200 अतिरिक्त बिस्तर बनाए गए हैं। इसी तरह श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल में भी बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई गई है। इसी तरह अब भगवती नगर स्थित यात्री निवास के बाद वैष्णवी धाम और सरस्वती धामों में भी मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इन दोनों ही स्थानों पर 365 बिस्तरों की क्षमता है। स्वास्थ्य विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, आने वाले दिनों में समस्या बढ़ सकती हे। जितने टेस्ट होंगे, उतने ही मरीजों के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता को लगातार बढ़ाया जा रहा है।

तीन दिन में पांच सौ से अधिक संक्रमित: जम्मू में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग शुरू होने से तीन दिन में ही पांच सौ से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। पहले दिन ही 116 लोग संक्रमित पाए गए थे। इसके बासद दूसरे दिन 198 ओर तीसरे दिन 202 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। अभी यह अभियान जारी रहेगा। सरकार का पूरा प्रयास है कि सेवा प्रदाताओं के टेसट हो जाएं। यही नहीं रेड जोन में शत-प्रतिशत टेस्ट करने के बाद सभी रेड जोन को खत्म कर दिया जाए।

इस आदेश से मिलेगी राहत: कश्मीर के बाद जम्मू में भी अब बिना लक्षण वाले मरीजों को घरों में ही आइसोलेट करने की इजाजत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग को थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि यह सब आसान नहीं है और घरों में रहने वाले मरीजों पर निगरानी रखने के लिए भी अलग से टीमों का गठन करना पड़ेगा लेकिन इससे अस्पतालों में बिस्तर थोड़े खाली होंगे। इस समय भगवती नगर के अलावा वैष्णवी धाम और सरस्वती धाम में भी बिना लक्षण वाले मरीजों को ही रखा जा रहा है। अब ऐसे मरीजों को अगर उनके घरों में अलग कमरा है तो असपताल आने की जरूरत ही नहीं रहेगी।  


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