Lawaypora Encounter: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा- लावेपोरा मुठभेड़ मामले में जल्द देंगे उचित जवाब
Lawaypora Encounter गत वर्ष दिसंबर माह में श्रीनगर-बारामुला हाईवे पर स्थित लावेपोरा में सुरक्षाबलों ने एक मकान में छिपे तीन आतंकियों को 16 घंटे तक चली मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके बाद कश्मीर में इस मुठभेड़ के फर्जी होने के आरोप लगने लगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो, : जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि श्रीनगर के लावेपोरा मुठभेड़ मामले में सभी तथ्यों पर गौर करने के बाद उचित जवाब दिया जाएगा। जम्मू कश्मीर एक संवेदनशील प्रदेश है। यहां संतुलन बना रहना चाहिए, ताकि सुरक्षाबलों का मनोबल न गिरे। उपराज्यपाल ने आश्वस्त किया है कि अगर कोई संदेह है तो इस मामले में जांच जरूर होगी। मेरे पास लावेपोरा मुठभेड़ मामले के सारे तथ्य आए हैं, मैं इन पर विचार कर रहा हूं। वह वीरवार को जम्मू में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
गत वर्ष दिसंबर माह में श्रीनगर-बारामुला हाईवे पर स्थित लावेपोरा में सुरक्षाबलों ने एक मकान में छिपे तीन आतंकियों को 16 घंटे तक चली मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके बाद कश्मीर में इस मुठभेड़ के फर्जी होने के आरोप लगने लगे। इस बात को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए थे कि स्कूल, कॉलेज जाने वाले बच्चों को आतंकी बताकर मारा गया है। सेना ने इस मामले में वीडियो जारी कर दावा किया था कि पूरी कोशिश की गई थी कि आतंकी आत्मसमर्पण कर दें।
आने वाले दिनों में 4 जी सेवा पर अच्छी खबर मिलेगी: स्वजनों की ओर से मारे गए अपने बच्चों के शव मांगने का मुद्दा वीरवार को जम्मू में संवाददाता सम्मेलन में भी उठा। ऐसे में उपराज्यपाल ने विश्वास दिलाया कि अगर इस मामले में किसी भी प्रकार का संदेह है तो इसकी जांच होगी। इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी भी इस मामले में ऐसा ही बयान दे चुके हैं। जम्मू कश्मीर के लिए नई औद्योगिक नीति की घोषणा करने के बाद उपराज्यपाल ने प्रदेश में 4 जी सेवा पर प्रतिबंध हटाने पर कहा कि इस मामले में कमेटी काम कर रही है। आने वाले दिनों में अच्छी खबर मिलेगी।
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू संभाग से भेदभाव के दिन अब लद गए हैं। जम्मू व कश्मीर एक शरीर की दो आंखों हैं। इनसे भेदभाव नही किया जा सकता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि अब जम्मू कश्मीर में किसी से धर्म, जात, क्षेत्र के नाम पर भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा।
कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी पर राजनीति नहीं: कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी पर उपराज्यपाल ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। पंडितों के लिए छह हजार नौकरियां देने की प्रक्रिया जारी है। इस वर्ष मई माह तक 166 नौकरियां छोड़कर अन्य नौकरियां लग जाएंगी। वहीं छह हजार आवासों पर उपराज्यपाल ने कहा कि अब तक सिर्फ 600 आवास बनना सवाल पैदा करता है। अब आवास बनाने के लिए टेंडर की प्रक्रिय जारी है और दो साल में कश्मीर में पंडितों के लिए आवास बन जाएंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने स्पष्ट किया कि अब जम्मू-कश्मीर में उद्योग नीति का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा। फायदे लेने के बाद किसी को औद्योगिक इकाइयों में ताले नहीं लगाने दिए जाएंगे। अगर काम नही किया तो जमीन वापस ले ली जाएगी।