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Lawaypora Encounter: आतंकवादी ही थे मारे गए तीनों युवक, 10 दिनों में परिजनों को देंगे ठोस सबूत: IGP विजय कुमार

Lawaypora Encounter IGP Kashmir Vijay Kumar ने बताया कि उन्होंने मुठभेड़ से संबंधित 60 प्रतिशत सबूत जुटा लिए हैं। अभी तक की जांच में यह साबित हो चुका है कि तीनों ही युवक आतंकवादियों के संपर्क में थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 02:15 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 02:29 PM (IST)
Lawaypora Encounter: आतंकवादी ही थे मारे गए तीनों युवक, 10 दिनों में परिजनों को देंगे ठोस सबूत: IGP विजय कुमार
अभी तक की जांच में यह साबित हो चुका है कि तीनों ही युवक आतंकवादियों के संपर्क में थे।

श्रीनगर, जेएनएन। आइजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने कहा कि लावेपोरा मुठभेड़ में मारे गए तीनों युवक आतंकवादी ही थे। पुलिस जल्द ही तीनों युवकों के आतंकी संगठनों के साथ संबंध के ठोस सबूत उनके माता-पिता को सौंपेंगी, जो बार-बार उनके बच्चों को बेगुनाह और सुरक्षाबलों को कसूरवार ठहरा रहे हैं। जहां तक तीनों आतंकियों के शवों को उनके परिजनों को सौंपने की बात है, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ऐसा किया जाना संभव नहीं है। क्योंकि अगर परिजनों को शव सौंपे जाते हैं तो उनकी अंतिम यात्रा में क्षेत्र के हजारों लोगों के जुटने की अशंका है। यह कोविड प्रोटोकॉल के खिलाफ होगा।

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श्रीनगर में सड़क सुरक्षा सप्ताह समारोह के दौरान आइजीपी विजय कुमार जैसे ही पत्रकारों के समक्ष पहुंचे, लावेपोरा मुठभेड़ को लेकर पत्रकारों ने उनसे कई प्रश्न पूछना शुरू कर दिए। पत्रकारों ने आइजीपी को बताया कि परिजन अभी भी यह बात मानने को तैयार नहीं है कि उनके बच्चे आतंकवादी थे। यही नहीं उन्होंने आज इस संबंध में घाटी के लोगों को काली पट्टियां पहकर अपना विरोध जाहिर करने का आग्रह भी किया था। इस पर आइजीपी ने बताया कि उन्होंने मुठभेड़ से संबंधित 60 प्रतिशत सबूत जुटा लिए हैं। अभी तक की जांच में यह साबित हो चुका है कि तीनों ही युवक आतंकवादियों के संपर्क में थे।

आइजीपी ने कहा कि हम और तकनीकी सबूत जुटा रहे हैं। सभी साक्ष्य मिलने के बाद हम सबसे पहले उनके माता-पिता को दिखाएंगे ताकि उन्हें यह पता चले कि हम जो कह रहे हैं वह सही है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों युवक काफी देर से आतंकवादियों की मदद कर रहे थे। वहीं इस दौरान जब पत्रकारों ने आइजीपी से कहा कि मारे गए तीनों युवकों में से एक के पिता ने अपने बेटे के शव की मांग की है, तो इस पर आइजीपी ने कहा कि अगर हम शव सौंपते हैं, तो क्षेत्र के सैकड़ों लोग अंतिम संस्कार के लिए इकट्ठा होंगे। यह कोविड-19 प्रोटोकॉल के खिलाफ होगा। हम दूसरों का जीवन खतरे में नहीं डाल सकते। मारे गए आतंकवादियों के शव परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में ही दफनाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आतंकवादी इन युवओं को ओवरग्राउंड वर्कर के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने गत रविवार को अनंतनाग में पकड़े गए एक युवक का हवाला देते हुए कहा कि उसके पास से एक पिस्तौल और ग्रेनेड बरामद हुआ है। उसे आतंकवादियों ने किसी को मारने का काम सौंपा था। उन्होंने बताया कि हम इस पर काम कर रहे हैं। आतंकवादियों के लिए नेटवर्क की तरह काम कर रहे इन ओवरग्राउंड वर्करों पर भी शिकंजा कसा गया है। इसी बीच आइजीपी ने गणतंत्र दिवस समाराेह के प्रबंधों के बारे में कहा कि आतंकवादी समारोह को बाधित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया जाए।


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