Union Territory Ladakh: चीन को धूल चटाने के लिए पूर्व सैनिक भी तैयार, महिलाएं भी बंटा रही हाथ
Union Territory Ladakh सात किमी का दुर्गम सफर तय कर सैनिकों तक सामान पहुंचा रहे लद्दाखी सौ स्वयंसेवी दिन-रात काम में जुटे महिलाएं भी बंटा रही हाथ
जम्मू, विवेक सिंह। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन को धूल चटाने के लिए सेवानिवृत्त सैनिक भी दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। उनकी बाजुओं में इतनी ताकत है कि हथियार मिले तो चीनी सैनिकों को पस्त कर देंगे। इतना ही नहीं, ब्लैक टॉप जैसी ऊंची चोटियों पर तैनात जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए स्थानीय युवा भी आगे आ गए हैं। वह पोर्टर की भूमिका में ऊंचाई वाले इलाकों में साजो-सामान पहुंचा रहे हैं। वर्तमान में करीब सौ स्वयंसेवी इसमें जुटे हैं। इसमें महिलाएं भी भूमिका निभा रही हैं।
पूर्वी लद्दाख के चुशुल व मेरक इलाकों के स्वयंसेवी प्रतिदिन सात किलोमीटर चलकर 18,600 फीट की ऊंचाई पर ब्लैक टॉप, गुरूंग जैसी चोटियों पर जरूरी साजोसामान पहंुचा रहे हैं। इनमें युवा, सेवानिवृत्त सैनिक, तिब्बत से आकर बसे लोग और डॉक्टर भी शामिल हैं। ये दवाइयां, पानी और जरूरी सामान पहुंचा रहे हैं। चुशुल सेक्टर के युवा पोर्टर के रूप में सेना के साथ दिन-रात मैदान में हैं। चुशुल के 170 घरों का कोई न कोई सदस्य इस समय चीन को हराने के लिए सेना के साथ है।
बड़ी बात है कि लद्दाख स्काउट्स रेजीमेंट के युवा लड़ाके खड़े हैं तो स्थानीय लोग भी कदम से कदम मिला रहे हैं। सेना की मदद के लिए हाथ बढ़ाने वाले चुशुल के निवासियों में से प्राइमरी हेल्थ सेंटर के डॉक्टर जिगमित वांगचुक भी हैं। वह पीठ पर दवाइयां व हाथों में पानी की बोतलें लेकर गुरूंग हिल पर जवानों तक पहुंचते हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र के दुर्गम हालात में जवानों का कोई मुकाबला नहीं है। हर देशवासी सेना की बहादुरी का कायल है।
वहीं, लद्दाख स्काउट्स के पूर्व सैनिक ताशी का कहना है कि हथियार मिले तो चीन को दिखा देंगे कि हममें अभी बहुत दम है। चुशुल सेक्टर के निवासी व लेह हिल काउंसिल के काउंसिलर कुंचोक स्टेंजिन ने बताया कि तकरीबन 100 लद्दाखी स्वयंसेवी सेना की मदद कर रहे हैं। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बसे लद्दाखी किसी से कम नही हैं।
सांसद बढ़ा रहे लोगों का हौसला भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नांग्याल ने वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे चुशुल में जाकर सेना की मदद कर रहे लोगों का हौसला बढ़ाया है। चुशुल के लोग भारतीय सेना की मदद करने के लिए मैदान में हैं। उनकी देशभक्ति सिर चढ़कर बोल रही है।