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कश्मीर जाए बिना अब किश्तवाड़ से भी जा सकेंगे लद्दाख, नया राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से 200 किलोमीटर कम होगी दूरी

4 नवंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने डोडा में एक जनसभा में किश्तवाड़-मचैल-जंस्कार-कारगिल राजमार्ग को भी मंजूरी दी थी। इस पर किश्तवाड़ व पाडर इलाके के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। लोग वर्षों से इंतजार कर रहे थे।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 08:03 AM (IST)
कश्मीर जाए बिना अब किश्तवाड़ से भी जा सकेंगे लद्दाख, नया राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से 200 किलोमीटर कम होगी दूरी
पहले जम्मू से श्रीनगर होते हुए लद्दाख जाना पड़ता था, जिसकी दूरी 600 किलोमीटर से अधिक पड़ती थी।

किश्तवाड़, बलवीर सिंह जम्वाल। जम्मू-कश्मीर को लद्दाख से जोड़ने के लिए एक और वैकल्पिक मार्ग सुगम होने के साथ सुरक्षा के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होगा। नया राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से न केवल जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बीच दूरी 200 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। बल्कि चीन के साथ तनाव के बीच वास्तिवक नियंत्रण रेखा पर सेना का साजो सम्मान भी तुरंत पहुंचाना संभव हो जाएगा। यह नया वैकल्पिक हाईवे जम्मू संभाग के किश्तवाड़ से जंस्कार-कारगिल तक करीब 400 किलोमीटर होगा। पहले जम्मू से श्रीनगर होते हुए लद्दाख जाना पड़ता था, जिसकी दूरी 600 किलोमीटर से अधिक पड़ती थी।

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गौरतलब है कि 24 नवंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने डोडा में एक जनसभा में किश्तवाड़-मचैल-जंस्कार-कारगिल राजमार्ग को भी मंजूरी दी थी। इस पर किश्तवाड़ व पाडर इलाके के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। लोग वर्षों से इंतजार कर रहे थे। हालांकि इस सड़क के लिए कई बार सर्वे भी हो चुके हैं। किश्तवाड़ में तैनात सेना की विंग बीकन 118 आरसीसी ने सड़क के लिए पूरी योजना आज से दो-तीन साल पहले ही बना दी थी। केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिल रही थी। पहले प्रदेश के अंदर जो भी सरकारें रही उन्होंने भी किश्तवाड़ की अनदेखी की। लोगों का कहना है कि अगर पहले ही इसे अनुमति मिली होती तो आज यह सड़क बन चुकी होती। पूरी लद्दाख में चीन से चल रहे तनाव के बीच यह सड़क अहम भूमिका निभा सकती है क्योंकि जम्मू से किश्तवाड़ से होते हुए गुलाबगढ़ मचेल से होते हुए 400 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा और यह सबसे आसान रास्ता है।

हिमाचल से मिलता है रास्ता

उमाशीला (जंस्कार) से आगे रास्ता पदम से होते हुए हिमाचल प्रदेश के केलांग से भी मिलता है जिसकी दूरी 200 किलोमीटर है। इसका एक हिस्सा कारगिल की तरफ भी जाता है। अगर यह सड़क तैयार होती है तो चंडीगढ़ से बाया केलांग से होते लेह-कारगिल और उमाशीला के रास्ते किश्तवाड़ में पहुंचा जा सकता है।

ट्रैकर्स की भी पहली पसंद

कारगिल का जंस्कार क्षेत्र ट्रैकर्स की भी पहली पसंद है। यहां देश-विदेश से ट्रैकर्स टैकिंग करने पहुंचते हैं। ऐसे में सैलानियों को भी जम्मू-किश्तवाड़-जंस्कार मार्ग लुभाएगा।

कई वर्षों से कर रहे थे इंतजार

मचैल निवासी संजीव शर्मा और राहुल बताते हैं कि पिछले कई वर्षों से इंतजार था कि गुलाबगढ़ से जंस्कार के लिए सड़क को बनाया जाए, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिले। अब केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में डोडा में यह एलान किया है कि हमने मंजूरी दे दी है तो हमारा पूरा इलाका खुशी से फूला नहीं समा रहा है। जश्न का माहौल है। हम अपने सांसद और पूर्व विधायक को का शुक्रिया अदा करते हैं। लोग गडकरी का और सांसद डोडा-कठुआ-उधमपुर और पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र्र सिंह तथा पूर्व विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा का शुक्रिया अदा कर रहे हैं क्योंकि इनकी मेहनत से ही मचेल जंस्कार सड़क की मंजूरी मिल रही है।

डीसी बोले-तेजी से होगा निर्माण कार्य

डीसी किश्तवाड़ अशोक शर्मा ने कहा कि इस सड़क के लिए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पहले ही हिदायत दी है कि इसके जल्द सर्वे करवाए जाएं और तब से ही इस पर काम चल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा इसकी मंजूरी मिलने पर काम में और तेजी आ जाएगी। इस सड़क के बनने से पाडर का इलाका ही नहीं आसपास के इलाकों में भी विकास होना लाजमी है क्योंकि इस रास्ते पर बहुत सारा पर्यटक आता है। पर्यटक आने से यहां पर खुशहाली होगी और लोगों का कारोबार भी बढ़ेगा।

ये रूट होगा

किश्तवाड़ से गुलाबगढ़ 63 किलोमीटर, गुलाबगढ़ से मचेल 30 किलोमीटर, मचैल से सुनचाम 9 किलोमीटर सुनचांम से भुजवास 10 किलोमीटर दूर है। किश्तवाड़ से जंस्कार कुल 200 किलोमीटर में कई ग्लेशियर भी आएंगे। भुजवास से होते हुए उमाशीला की पहाड़ियों के आगे जंस्कार वैली शुरू हो जाती है। जंस्कार से एक तरफ पदम और दूसरी तरफ लेह कारगिल का इलाका पड़ता है। 


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