राज्य बनाने की मांग को लेकर लद्दाख बंद, लेह व कारगिल जिलों में भी चक्का जाम
शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे इस बंद के दौरान सोमवार को धरने प्रदर्शन होने की कोई सूचना नही है। बंद का आह्वान करने वाले संगठनों को क्षेत्र के कई राजनीतिक सामाजिक दलों के साथ कई व्यापारी ट्रांसपोर्ट सामाजिक संगठनों के साथ युवाओं के कई संगठन भी समर्थन दे रहे हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : राज्य बनाने की मांग को लेकर सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख बंद है। लद्दाख के लेह व कारगिल जिलों में चक्का जाम के चलते सार्वजनिक वाहनों के सड़कों पर न उतरने से जपजीवन प्रभावित हुआ। क्षेत्र में दुकाने व व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे।
लद्दाख बंद के साथ लद्दाख अपेक्स बाडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की राज्य बनाने, क्षेत्र के लोगों के भूमि, नौकरियों के अधिकार सुरक्षित करने की मांग पर आंदोलन की शुरूआत हो गई। केंद्र सरकार की ओर से इन मुद्दों को मानने की दिशा में कार्रवाई न किए जाने की स्थिति में अब नए साल में लेह व कारगिल में धरने, प्रदशर्नों का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
शांतिपूर्ण तरीके से हो रहे इस बंद के दौरान सोमवार को धरने, प्रदर्शन होने की कोई सूचना नही है। बंद का आह्वान करने वाले संगठनों को क्षेत्र के कई राजनीतिक, सामाजिक दलों के साथ कई व्यापारी, ट्रांसपोर्ट, सामाजिक संगठनों के साथ युवाओं के कई संगठन भी समर्थन दे रहे हैं। कुछ दिन पहले लद्दाख एपेक्स बाडी ने क्षेत्र के 12 संगठनों के प्रधानों को पत्र लिखकर लोगों की जायज मांगों को लेकर एकजुटता दिखाने के लिए उनका समर्थन भी मांगा था।
लद्दाख बंद से कुछ दिन पहले गृह मंत्रालय ने क्षेत्र के 22 हजार युवाओं को रोजगार देने की घाेषणा की थी। इस घोषणा के बाद भी लद्दाख के संगठनों ने 13 दिसंबर का लद्दाख बंद करने के फैसले को बरकरार रखा था। लद्दाख एपेक्स बाडी के सदस्य छीरिंग दोरजे का कहना है कि यह बंद लद्दाख के बेहतर भविष्य को लेकर एकजुटता का प्रतीक है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से लद्दाख के भविष्य को सुरक्षित बनाने की इन मांगों को लेकर कोई कार्रवाई नही की गई है। ऐसे में हमारे पास बंद करने के अलावा कोई विकल्प नही है।
लद्दाख बंद का आयोजन इस प्रदेश को राज्स बनाने, युवाओं को रोजगार देने के साथ संविधान के छठे शेडयूल से लद्दाखियों की विशिष्ट पहचान बरकरार रखने, क्षेत्र को दो लोकसभा की सीटें व राज्यसभा की सीट देने के मुद्दों को लेकर किया जा रहा है। संगठन ने नए वर्ष में लद्दाख में गर्मियों का सीजन शुरू होते ही आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।