Coronavirus in Ladakh: लद्दाख में कोरोना को मात देने की मुहिम जारी, संक्रमितों के ठीक होने की दर हुई 89 प्रतिशत
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में अब तक कोरोना संक्रमण के 6357 मामले सामने आए हैं व इनमें से 5671 लोग ठीक होकर घरों को लौटें हैं। वहीं कोरोना के कारण लद्दाख में 76 लोगों की मौत हुई है। इस समय अधिकतर संक्रमिताें का घरों में इलाज चल रहा है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोरोना को मात देकर विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की मुहिम के चलते क्षेत्र में संक्रमितों के ठीक होने की दर 89 प्रतिशत हो गई है। कारगिल जिले में मरीजाें के ठीक हाेने की दर 91 प्रतिशत है।लद्दाख के लेह व कारगिजल जिलों में इस समय प्रशासन की पूरी कोशिश है कि सर्दियों के महीनों में स्कीइंग, आइस हाकी प्रतियोगिताओं का आयोजन कर देश, विदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया जाए। ऐसे हालात में उपराज्यपाल प्रशासन की ओर से संक्रमण को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। अक्टूबर महीने के दूसरे पखवाड़े में मरीजों के ठीक होने की दर में 7 प्रतिशत वृद्धि उत्साहवर्धक है। कारगिल में भी इस समय स्कीइंग कोर्स शुरू करने के लिए तैयारी हो रही है।
ऐसे हालात में लद्दाख में कोरोना के 84 मामले सामने आए तो 30 मरीज ठीक हो गए। इस समय लद्दाख में कोराेना संक्रमित मरीजाें की संख्या 664 है। इनमें से 540 लेह व 124 कारगिल से हैं। दोनों जिलों में कोरोना के टेस्ट करने की प्रक्रिया को तेजी दी गई है। जिलों में बाहर से आने वाले लोगों की एयरपोर्ट, उपशी व खलसी इलाकों में स्थापित किए गए चैक पोस्ट पर जांच की जा रही है। मंगलवार को एयरपोर्ट पर 175, उपशी में 37 व खलसी में 250 लोगों के कोरोना के रेपिड एंटीजन टेस्ट किए गए। यात्रियों के साथ लद्दाख आने वाले ट्रक चालकों व सह चालकों की भी लगातार जांच हो रही है। इस समय लद्दाख में 601 कोरोना टेस्ट के नतीजे आने का इंतजार किया जा रहा है। लद्दाख में हो रहे टेस्टों की जांच लेह के साथ पीजीआई चंडीगढ़ से करवाई जा रही है।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में अब तक कोरोना संक्रमण के 6357 मामले सामने आए हैं व इनमें से 5671 लोग ठीक होकर घरों को लौटें हैं। वहीं कोरोना के कारण लद्दाख में 76 लोगों की मौत हुई है। इस समय अधिकतर संक्रमिताें का घरों में इलाज चल रहा है। कारगिल जिले में काफी हद तक प्रशासन ने संक्रमण के मामले पर काबू पाया है। अस्पतालों में बेहतर उपचार के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है।