जम्मू : रामबन के लिए कृषि विज्ञान केंद्र मंजूर, जम्मू संभाग में केंद्रों की संख्या बढ़कर नौ हो गई
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस मामले में हस्तक्षेप करने के बाद रामबन के दलवास गांव में केंद्र बनाने के लिए 117.18 कनाल जमीन जम्मू के शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्व विद्यालय को स्थानांतरित की गई। केंद्र के लिए भूमि का चयन उच्च स्तरीय कमेटी ने किया।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : इंडियन काउंसिल फार एग्रीकल्चर रिसर्च ने रामबन जिले में कृषि विज्ञान केंद्र बनाने को मंजूरी दे दी है। यह केंद्र जम्मू के शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय (स्कास्ट) की देखरेख में काम करेगा। रामबन के लिए केंद्र मंजूर होने के साथ इस समय जम्मू संभाग में काम कर रहे कृषि विज्ञान केंद्रों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है।
रामबन में कृषि विज्ञान केंद्र बनाने का मुद्दा भूमि चिन्हित न किए जाने के कारण पिछले कुछ समय से फंसा हुआ था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस मामले में हस्तक्षेप करने के बाद रामबन के दलवास गांव में केंद्र बनाने के लिए 117.18 कनाल जमीन जम्मू के शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्व विद्यालय को स्थानांतरित की गई। केंद्र के लिए भूमि का चयन उच्च स्तरीय कमेटी ने किया। इसके बाद इंडियन काउंसिल फार एग्रीकल्चर रिसर्च ने केंद्र बनाने को मंजूरी दी दी। उपराज्यपाल के साथ इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलवाने में कृषि विश्व विद्यालय के वाइस चांसलर प्रो जेपी शर्मा ने भी अहम भूमिका निभाई।
यह अहम फैसला होने पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्व विद्यालय प्रबंधन को बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि रामबन जिले में कृषि विज्ञान केंद्र बनने से किसानों को कृषि की नई तकनीकों के बारे में जानकारी मिलेगी। केंद्र द्वारा किसानों व युवाओं को खेती, बागवानी के लिए प्रोत्साहित करने से क्षेत्र की अर्थ व्यवस्था को भी फायदा मिलेगा।
वहीं दूसरी ओर इस अहम फैसले के लिए स्कास्ट के वाइस चांसलर प्रो जेपी शर्मा ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र ङ्क्षसह तोमर, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा जितेन्द्र सिंह का आभार जताया है।
डॉ द्रक्षा अंद्राबी ने उपराज्यपाल से मुलाकात की : केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की वक्फ विकास समिति की अध्यक्ष डा द्रक्षा अंद्राबी ने वीरवार को यहां राजभवन में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। डॉ अंद्राबी ने क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र के विकास से संबंधित प्रशासन की हालिया पहल के लिए उपराज्यपाल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में नशीली दवाओं के खतरे के मुद्दे से निपटने के लिए एक व्यापक रोडमैप तैयार करने, जम्मू-कश्मीर के कस्बों और शहरों के लिए नई अपशिष्ट निपटान और चिकित्सा नीति के अलावा सेब उत्पादकों के मुद्दों पर भी अपने विचार और सुझाव साझा किए। उपराज्यपाल ने जममू-कश्मीर के समग्र विकास को आगे बढ़ाने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव देने के लिए डॉ अंद्राबी की सराहना की और लोगों के कल्याण के हित में उनके सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया।