जानिए क्यों जम्मू-कश्मीर में अब तक करीब दो दर्जन लापरवाह-अक्षम अध्यापकों की सरकारी सेवाएं हो चुकी हैं समाप्त
स्कूल शिक्षा निदेशालय कश्मीर ने जम्मू कश्मीर सीविल सर्विस रूल्स 1956 की धारा 113 और नियम 30 के मुताबिक आशिक परवेज मीर मोहम्मद सलीम डार शाजिया शफीक और फातिमा जमील की सेवाएं समाप्त की हैं। आशिक परवेज मीर उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा के अप्पर प्राईमरी स्कूल में तैनात था।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो श्रीनगर। स्कूल में पढ़ाने के बजाय लंबे समय से बिना अनुपस्थित अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए प्रदेश सरकार ने सोमवार को चार और सरकारी अध्यापकों को सेवामुक्त कर दिया। बीते सप्ताह भी नौ अध्यापकों की सेवाएं समाप्त की गई थी। प्रदेश सरकार अब तक करीब दो दर्जन लापरवाह और अक्षम अध्यापकों की सरकारी सेवा से छुट्टी कर चुकी है।
स्कूल शिक्षा निदेशालय कश्मीर ने जम्मू कश्मीर सीविल सर्विस रूल्स, 1956 की धारा 113 और नियम 30 के मुताबिक आशिक परवेज मीर, मोहम्मद सलीम डार, शाजिया शफीक और फातिमा जमील की सेवाएं समाप्त की हैं। आशिक परवेज मीर उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा के अप्पर प्राईमरी स्कूल में तैनात था, लेकिन वह छह मई 2012 से गैर हाजिर था। उसे कई बार ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए नोटिस भेजा गया। उसने किसी नोटिस का जवाब नहीं दिया। उसे छह जुलाई 2021 को भी नोटिस जारी कर सात दिन में अपना पक्ष रखने को कहा गया था, लेकिन वह फिर हाजिर नहीं हुआ। इसका संज्ञान लेते हुए संबंधित समिति की 11 दिसंबर 2021 को एक बैठक में सभी तथ्यों का आकलन किया गया और उसके बाद उसकी सेवाएं को समाप्त कर दिया गया।
बडगाम जिले के आरिपंथन स्थित गर्ल्ज मिडिल स्कूल के अध्यापक मोहम्मद सलीम डार ने पीएचडी की पढ़ाई पूरी करने के लिए छह माह के अवकाश का आवेदन किया था। आवेदन स्वीकार होने से पहले ही वह बिना अनुमति अवकाश पर चला गया और 27 मार्च 2015 से वह अपनी विधि सम्मत ड्यूटी से अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित है। इसी तरह गुंडीशाह कुपवाड़ा स्थित हाई स्कूल की अध्यापािक शाजिया शफीक भी बिना अनुमति बीते करीब पांच साल से गैर हाजिर है। इन दोनों की सेवाएं भी संबंधित सेवा नियमों के तहत समाप्त की गई हैं। पादशाही बाग श्रीनगर में स्थित हाई स्कूल की अध्यापािक फातिमा जमील पहली मार्च 2016 से गैर हाजिर है। उसे भी कई बार नोटिस भेजा गया,लेकिन उसने केाई जवाब नहीं दिया और न ड्यूटी पर लौटी। अंतत: उसे भी सबंधित नियमों के आधार पर सेवामुक्त कर दिया गया।