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Kishtwar Terror Attack: हमलावर के साथ पिस्तौल लिए मौजूद था एक और आतंकी

हमलावर आतंकी व उसके मददगारों की धरपकड़ के लिए पुलिस जांच और कार्रवाई जारी है। सेना और अर्धसैनिक बल भी पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान छेड़े हुए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 08:33 AM (IST)
Kishtwar Terror Attack: हमलावर के साथ पिस्तौल लिए मौजूद था एक और आतंकी
Kishtwar Terror Attack: हमलावर के साथ पिस्तौल लिए मौजूद था एक और आतंकी

किश्तवाड़, संवाद सहयोगी। आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा और उनके अंगरक्षक की हत्या करने वाला आतंकी जिला अस्पताल में अकेला नहीं आया था। वारदात के समय हमलावार के साथ दूसरा आतंकी भी मौजूद था। हालांकि पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

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दैनिक जागरण ने अपने बुधवार के अंक में बताया था कि जिस तरह से इस हमले को अंजाम दिया गया है, उससे साफ है कि इस साजिश में हमलावर आतंकी अकेला नहीं था। हमला करने से लेकर उसके भागने में मदद करने तक कई ओर भी उसके साथ थे। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों की जांच व चश्मदीदों से पूछताछ में सामने आया है कि आरएसएस नेता को निशाना बनाने वाले आतंकी की मदद के लिए उसका दूसरा साथी उससे कुछ ही दूरी पर मौजूद था, जिसके हाथ में एक पिस्तौल भी थी। जो शायद हमलावर के नाकाम रहने पर चंद्रकांत शर्मा को निशाना बनाने के लिए तैयार था। सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच में जुटी हैं।

हमलावर आतंकी के हुलिये से मेल खाता युवक कैमरे में कैद

जिला अस्पताल के एक सीसीटीवी में पुलिस के हाथ कुछ रिकार्डिंग लगी है, जिसमें चश्मदीदों द्वारा हमलावर आतंकी के बताए गए हुलिये से मेल खा रहा एक और युवक कैद हुआ है। फुटेज में हालांकि युवक के हाथ में कोई हथियार या बैग दिखाई नहीं दे रहा है। यह फुटेज हमले के कुछ देर बाद की है। माना जा रहा है कि हमलावर ने दोनों बंदूकें वहां पर खड़े किसी वाहन में या बैग में डालकर किसी को सौंप दी हो। इस युवक की पहचान कर इस मामले में इसकी भूमिका का पता लगाने के लिए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

सरकारी कर्मचारियों सहित 12 लोगों से पूछताछ

हमलावर आतंकी व उसके मददगारों की धरपकड़ के लिए पुलिस जांच और कार्रवाई जारी है। सेना और अर्धसैनिक बल भी पूरे इलाके में सघन तलाशी अभियान छेड़े हुए हैं। पुलिस ने इस हत्याकांड के बाद से करीब 12 स्थानीय लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। सूत्रों के अनुसार, इनमें कुछ बैंक कर्मचारी, सीएपीडी, स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं। वहीं पुलिस ने मंगलवार दोपहर को हत्याकांड के समय से एक घंटा पहले तक अस्पताल के इलाके में प्रयोग हुए मोबाइल फोन का रिकॉर्ड मंगवा कर खंगालना शुरू कर दिया है। वहीं बुधवार को किश्तवाड़ पुलिस के जांच अधिकारी एयाज अहमद शेख के नेतृत्व में जांच दल किश्तवाड़ जिला अस्पताल परिसर में पहुंचा। जहां पर उन्होंने घटना स्थल का एक बार फिर से पूरा मुआयना किया। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के अलावा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत कर जानकारियां हासिल की। पुलिस ने कुछ चश्मदीदों से भी बातचीत की।

हत्याकांड की जांच के लिए गठित होगी सिट

आरएसएस नेता चंद्रकांत हत्याकांड के मामले की जांच के लिए जल्द सिट का गठन किया जाएगा। अभी तक मामले की जांच जम्मू कश्मीर पुलिस के तेज तरार अधिकारी एयाज अहमद शेख कर रहे हैं। डीआइजी डीकेआर रेंज भीम सेन टूटी ने कहा कि बुधवार को सिट गठित करने का विचार था। मगर दिनभर किश्तवाड़ में तनावपूर्ण स्थिति ने उनको व अन्य अधिकारियों को व्यस्त रखा। इससे सिट में शामिल किए जाने वाले अधिकारियों को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका। वीरवार को इस मामले की जांच के लिए सिट गठित करने का प्रयास रहेगा।

शहीद राजेंद्र पुलिस सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन

किश्तवाड़ जिला अस्पताल में मंगलवार को आरएसएस नेता चंद्रकांत के साथ आतंकी हमले में शहीद हुए अंगरक्षक कांस्टेबल राजेंद्र कुमार का बुधवार का उनके पैतृक गांव लोहीधार में पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। राजेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर मंगलवार शाम को पोस्टमार्टम के बाद जिला पुलिस मुख्यालय लाया गया, जहां पर डीआइडी डोडा किश्तवाड़ रामबन रेंज भीमसेन टूटी, एसएसपी किश्तवाड़ शक्ति कुमार पाठक, एएसपी निसार अहमद आदि ने शहीद राजेंद्र को श्रद्धांजलि दी। शहीद का पार्थिव शरीर पूरे पुलिस सम्मान के साथ रात को किश्तवाड़ जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर स्थित पैतृक गांव लोहीधार रवाना किया गया। बुधवार सुबह शहीद की अंतिम यात्र निकाली गई, जिसमें आसपास के इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान शहीद राजेंद्र अमर रहे के नारे गूंजे। किश्तवाड़ के बिगड़े माहौल के चलते डीआइजी व एसएसपी किश्तवाड़ अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके, मगर दोनों ने अपने प्रतिनिधि के तौर विशेष रूप से डीएसपी ऑपरेशन आदिल रिशू को पर भेजा था।


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