Vijaya Ekadashi 2021: शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए कल रखें विजया एकादशी व्रत, जानें पूजा मुहूर्त एवं महत्व
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस वर्ष यह व्रत 9 मार्च मंगलवार को है। विजया एकादशी तिथि प्रारम्भ 8 मार्च 2021 को दोपहर 03 बजकर 45 मिनट पर होगा और समापन 9 मार्च 2021 को दोपहर बाद 03.03 मिनट पर होगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता : फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं। इस वर्ष यह व्रत 9 मार्च मंगलवार को है। विजया एकादशी तिथि प्रारम्भ 8 मार्च 2021 को दोपहर 03 बजकर 45 मिनट पर होगा और समापन 9 मार्च 2021 को दोपहर बाद 03.03 मिनट पर होगा। विजया एकादशी 9 मार्च, मंगलवार को होगी और विजया एकादशी व्रत का पारण मुहूर्त 10 मार्च को सुबह 06 बजकर 36 मिनट से सुबह 08 बजकर 59 मिनट तक होगा।
धर्मग्रंथों के अनुसार, विजया एकादशी व्रत के पुण्य से श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त की। तब से ही विजया एकादशी व्रत का महत्व और बढ़ गया। यदि आप अपने कार्य में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको विजया एकादशी व्रत, पूजन एव विजया एकादशी की कथा करना अवश्य करनी चाहिए। एकादशी के व्रत को करने से व्रती को अश्वमेघ यज्ञ, जप, तप, तीर्थों में स्नान-दान से भी कई गुना शुभ फल मिलता है।
एकादशी का व्रत करने वाले व्रती को अपने चित, इंद्रियों और व्यवहार पर संयम रखना आवश्यक है। एकादशी व्रत जीवन में संतुलन कैसे बनाए रखना है सीखाता है । इस व्रत को करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में अर्थ और काम से ऊपर उठकर धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष को प्राप्त करता है। यह व्रत पुरुष और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है। कोरोना महामारी के चलते घर में ही पूजन, स्नान एंव दान करें।
श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि एक वर्ष में 24 एकादशी होती हैं। लेकिन जब तीन साल में एक बार अधिक मास, मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इस दिन जो व्यक्ति दान करता है वह सभी पापों का नाश करते हुए परम पद प्राप्त करता है।