देश को हिला कर रख देने वाला कठुआ कांड: जानिए क्या था पूरा मामला, कब-कब क्या- क्या हुआ
क्राइम ब्रांच ने अपने आरोप-पत्र में ये भी कहा कि बच्ची को कई दिनों तक इलाक़े के एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था। बाद में उसकी हत्या कर दी गई।
जम्मू, पीटीआई। कठुआ सामूहिक दुष्कर्म और मर्डर मामले में पठानकोट की विशेष अदालत ने 7 में से 6 को दोषी करार दिया है। इस मामले की सुनवाई 3 जून को पूरी हुई थी। फैसले आने के चलते अदालत और कठुआ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
जम्मू कश्मीर के कठुआ में बंजारा समुदाय की आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में विशेष अदालत ने सात में से छह आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषी करार आरोपियों में मुख्य आरोपी सांझी राम भी शामिल है। सोमवार को सभी सातों बालिग आरोपी पठानकोट स्थित स्पेशल कोर्ट में मौजूद थे। आरोपियों को उम्रकैद से लेकर मौत तक की सजा हो सकती है। एक आरोपी नाबालिग है। किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा।
जानिए क्या था पूरा मामला, कब-कब क्या-क्या हुआ
कठुआ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के सनसनीखेज मामले में पंजाब की पठानकोट कोर्ट ने सुनाया फैसला सात में से छह आरोपियों को दोषी करार दिया गया, आज ही सजा का किया जाएगा ऐलान 10 जनवरी 2018 को 8 साल की बच्ची को अगवा कर उसका दुष्कर्म किया गया था, फिर हत्या कर दी गई थी। कठुआ कांड ने देश को हिला कर रख दिया। जानें इस मामले की समय-सीमा, कब-कब क्या-क्या हुआ:
10 जनवरी 2018
जम्मू कश्मीर के कठुआ में बकरवाल जनजाति बंजारा समुदाय की आठ साल की बच्ची कठुआ जिले के रसाना गांव में मवेशियों को चराने के दौरान लापता हो गई।
12 जनवरी, 2018: हीरानगर पुलिस स्टेशन में पीड़िता के पिता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई।
17 जनवरी, 2018: बच्ची के शव मिले। पोस्टमार्टम में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की पुष्टि हुई।
22 जनवरी, 2018: मामला जम्मू-कश्मीर अपराध शाखा को सौंप दिया गया।
23 जनवरी 2018: जम्मू और कश्मीर सरकार ने मामले की जांच राज्य पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपी ।
17 जनवरी 2018: 'हिंदू एकता मंच' नाम के एक संगठन ने कठुआ में वकीलों के समर्थन में रैली निकाली, जिसमें भाजपा के स्थानीय विधायक राजीव जसरोटिया और दूसरे नेता भी शामिल थे।
10 फ़रवरी 2018: क्राइम ब्रांच ने को एक स्पेशल पुलिस ऑफ़िसर दीपक खजुरिया को गिरफ़्तार किया।
5 अप्रैल 2018: इस पूरी घटना के कथित मास्टरमाइंड सांझी राम ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।
9 अप्रैल, 2018: पुलिस ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ कठुआ की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।
10 अप्रैल, 2018: आठवें अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई जिसके किशोर होने का दावा किया गया।
13 अप्रैल 2018: भाजपा के दो मंत्री लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा से पार्टी ने इस्तीफ़ा माँगा।
14 अप्रैल, 2018: पुलिस ने 14 अप्रैल, 2018 को अपराध शाखा के अधिकारियों को अदालत में चार्जशीट दाखिल करने से रोकने के लिए विरोध करने और विरोध का प्रयास करने के लिए वकीलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
16 अप्रैल, 2018: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर सरकार से इस बात का जवाब मांगा कि पीड़िता के परिवारवालों ने मामले के ट्रायल को राज्य से बाहर कराए जाने की मांग की है।
18 अप्रैल 2018: पहली सुनवाई में क्राइम ब्रांच से कहा गया कि सभी आरोपियों को आरोप-पत्र की कॉपी दी जाए।
7 मई, 2018: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पंजाब के कठुआ से पठानकोट में शिफ्ट किया। दरअसल, पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल कर केस का ट्रायल जम्मू और कश्मीर से बाहर कराने की मांग की थी।इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पंजाब के पठानकोट में ट्रांसफर कर दिया था।
3 जून, 2019: इस मामले की सुनवाई 3 जून को पूरी हुई ।
10 जून, 2019: सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में विशेष अदालत ने सात में से छह आरोपियों को दोषी करार दिया है।
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