कश्मीर के युवाओं की आवाज, श्रीनगर के दिल कहे जाने वाले लाल चौक में 24 घंटे लहराता रहे तिरंगा
कश्मीर में आतंकवाद शुरू हुआ तो लाल चौक मार्च के लिए देश में बड़े रैलियां निकाली जाती थी। लिहाजा उस समय की सरकारें तिरंगा फहराने पर हिरासत में ले लेती थी। इस मार्च का कभी हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र हिस्सा रहे हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : श्रीनगर के दिल कहे जाने वाले लाल चौक में घंटाघर पर गणतंत्र दिवस पर शान से राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। तिरंगे को देखकर हर कश्मीरी को गर्व महसूस हो रहा था, लेकिन शाम को तिरंगे को उतारने की परंपरा से युवा वर्ग थोड़ा आहत दिखा। उनकी मांग थी कि यहां 24 घंटे तिरंगा लहराया जाए। ताकि हर किसी के दिल में देश के प्रति जोश जागे। इसके लिए घंटाघर की मरम्मत करवाना जरूरी है।
एडवोकेट सज्जाद युसूफ शाह और समाज सेवक साहिल बशीर बट्ट ने मेयर जुनैद मट्टू को इस संबंध में पत्र भी लिखा। उन्होंने नेकां के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के ट्वीट का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था कि तिरंगा एक दिन भी वहां पर क्यों नहीं रहा।
बता दें कि कश्मीर के हर युवा की तरह सज्जाद और साहिल ने युवाओं के एक दल के साथ गणतंत्र दिवस पर घंटाघर की छत पर तिरंगा फहराया था। इस पल को पूरे देश-दुनिया ने देखा कि बिना किसी तनाव के कैसे तिरंगा कश्मीर के दिल कहे जाने वाले लाल चौक पर लहरा रहा है।
कश्मीर में आतंकवाद शुरू हुआ तो लाल चौक मार्च के लिए देश में बड़े रैलियां निकाली जाती थी। लिहाजा उस समय की सरकारें तिरंगा फहराने पर हिरासत में ले लेती थी। इस मार्च का कभी हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र हिस्सा रहे हैं। जब 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को खत्म किया तो अलगाववाद-आतंकवाद के खिलाफ सख्ती बरती गई। इसका नतीजा आज कश्मीर में अमन के रूप में सामने दिख रहा है।
सज्जाद और साहिल ने मेयर को पत्र में लिखा कि ऐतिहासिक घंटाघर का खंभा और छत जर्जर हालत में है। इसकी मरम्मत की जरूरत है। ताकि यहां पर स्थायी रूप से तिरंगा लहराते रहे। छत में दरारें आ चुकी हैं। असल में घंटाघर कश्मीर धरोहर भी मानी जाती है। कभी भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया। उम्मीद करते हैं कि श्रीनगर नगर निगम उनके इस अनुरोध को गंभीरता से लेगा। यह पत्र की कापी मंडलायुक्त कश्मीर और निगम आयुक्त को भी भेजी गई।
सज्जाद और साहिल के इस पत्र की इंटरनेट मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है। कश्मीर के अधिकांश युवाओं का कहना है कि यहां स्थायी रूप से तिरंगा फहराया जाना चाहिए।