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Kashmiri Pandits: जगटी में कश्मीरी पंडितों ने प्रशासन के खिलाफ लगाए नारे, राहत राशि बढ़ाने की कर रहे मांग

Kashmiri Pandits जगटी टेनिमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि बरसों से विस्थापित परिवार 13 हजार रुपये की मासिक राहत से गुजारा कर रहा है। पहले इस रकम से गुजारा हो जाता था। लेकिन अब बढ़ी महंगाई में विस्थापित परिवारों का खर्च नही चल सकता।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 12 Mar 2021 02:32 PM (IST)Updated: Fri, 12 Mar 2021 02:32 PM (IST)
Kashmiri Pandits: जगटी में कश्मीरी पंडितों ने प्रशासन के खिलाफ लगाए नारे, राहत राशि बढ़ाने की कर रहे मांग
सरकार ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों की बातों को गंभीरता से नहीं लिया

जम्मू, जागरण संवाददाता: विस्थापित कश्मीरी पंडितों की मासिक राहत में बढ़ोतरी को लेकर कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को फिर जगटी में प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। इन लोगों का कहना हे कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों की सुनवाई नही हो रही।

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बार-बार गुजारिश करने के बाद भी केंद्र सरकार मासिक राहत में बढ़ोतरी नही कर रही। जगटी टेनिमेंट कमेटी व सोन कश्मीर के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। कहा कि विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों की सुध नही ली जा रही। मौके पर कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जल्दी ही इन लोगों के बारे में कोई फैसला नही लिया गया कश्मीरी पंडित सारे नियम कानून को लांघने पर मजबूर हो जाएगा।

मौके पर संबोधित करते हुए जगटी टेनिमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि बरसों से विस्थापित परिवार 13 हजार रुपये की मासिक राहत से गुजारा कर रहा है। पहले इस रकम से गुजारा हो जाता था। लेकिन अब बढ़ी महंगाई में विस्थापित परिवारों का खर्च नही चल सकता।

लिहाजा मासिक राहत बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जानी चाहिए। बार बार केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन को अवगत कराया गया है लेकिन कोई सुन नही रहा। वहींं राज कुमार टिक्कू ने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन व केंद्र सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए कि विस्थापित कश्मीरी पंडित कश्मीरी पंडितों का आर्थिक विकास हो। इसलिए हर विस्थापित परिवार के एक एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।

अगर सरकार ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों की बातों को गंभीरता से नही लिया और मांगे नही मानी तो आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तमाम कश्मीरी संगठनों से बातचीत की जा रही है ताकि विस्थापितों के लिए एकजुट आवाज बुलंद हो सके।  


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