Jammu Kashmir: कंगना विवाद से कश्मीरी पंडितों का कोई लेना-देना नहीं
कंगना विवाद से कश्मीरी पंडितों का कोई लेना-देना नहीं संजय टिक्कु ने कहा- कुछ लोगों ने कश्मीरी पंडितों की व्यथा का जिक्र करना फैशन बना लिया
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनोट के मुंबई की तुलना गुलाम कश्मीर और अपने कार्यालय को गिराए जाने पर कश्मीरी पंडितों के विस्थापन से करने पर कश्मीरी पंडितों ने एतराज जताया है। उनका कहना है कि कंगना के विवाद से कश्मीरियों का कोई लेना-देना नहीं है। वह राजनीतिक इरादों के तहत जानबूझकर ऐसा कर रही हैं। कंगना की आलोचना करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पुत्री इल्तिजा भी शामिल हैं।
कंगना का बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र सरकार के साथ विवाद चल रहा है। उन्होंने मुंबई की तुलना गुलाम कश्मीर से करते हुए कहा था कि यहां लोकतंत्र नहीं रहा है। इसके बाद बुधवार को जब बांबे नगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई स्थित उनके कार्यालय में अवैध निर्माण का हवाला देते हुए उसे गिराया तो उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर सीधा हमला बोला।
कंगना ने ट्वीट में कहा कि मेरी बात सही साबित हुई है कि मुंबई अब गुलाम कश्मीर जैसी होती जा रही है। उन्होंने कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन का भी जिक्र किया। कंगना ने कहा कि मैं जानती हूं कि कश्मीरी पंडितों के साथ क्या हुआ है, लेकिन मैंने आज उस पीड़ा को महसूस किया है। मैं देश के साथ वादा करती हूं कि मैं न सिर्फ अयोध्या पर बल्कि कश्मीर पर भी एक फिल्म बनाऊंगी, जिसमें उनकी पीड़ा को बताया जाएगा।
महबूबा मुफ्ती की तरफ से उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीटर पर लिखा है कि लोकतंत्र और कानून के राज की हत्या के लिए आपको गुलाम कश्मीर का नाम लेने की क्या जरूरत है?
कंगना बेवजह कश्मीरी पंडितों की पीड़ा का जिक्र कर रहीं :
टिक्कुघाटी में रहने वाले कश्मीरी पंडितों के संगठन कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कु ने कहा कि वह बिना किसी कारण कश्मीरी पंडितों की पीड़ा का जिक्र कर रही है। कश्मीरी पंडितों के पलायन और कंगना के कार्यालय को तोड़े जाने का आपस में कोई संबंध नहीं है। आजकल कुछ लोगों ने अपने फायदे के लिए कश्मीरी पंडितों की व्यथा का जिक्र करना एक फैशन बना लिया है।
कंगना गैरकानूनी काम का महिमामंडन कर रही हैं :
माजिद पत्रकार माजिद हैदरी ने कहा कि कंगना ने अपने अवैध निर्माण को गिराए जाने की तुलना कश्मीरी पंडितों की पीड़ा से करके कश्मीरी पंडितों के जख्मों पर नमक छिड़कने, उनकी पीड़ा का मजाक बनाने का काम किया है। कश्मीरी पंडितों ने कोई अवैध काम नहीं किया था। उन्होंने चुपचाप जुल्म को बर्दाश्त किया। कंगना अपने एक गैरकानूनी काम का महिमामंडन कर रही है।
कश्मीरी पंडितों के मामले हर विवाद में नहीं घसीटा जाना चाहिए :
आदित्य कश्मीरी पंडित पत्रकार आदित्य राज कौल ने कश्मीरी पंडितों पर फिल्म बनाने के कंगना के बयान का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही कश्मीरी पंडितों के मुद्दों पर काफी मुखर रही हैं,लेकिन कश्मीरी पंडितों के जातीय नरसंहार और घाटी से पलायन को हर छोटे बड़े विवाद में नहीं घसीटा जाना चाहिए।