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Kashmiri Pandit: मतदान के लिए एम फॉर्म भरने की अनिवार्यता पर भड़के कश्मीरी पंडित

सारा रिकॉर्ड सरकार के पास है फिर भी हर बार एम फार्म बीच में आ जाता है और कश्मीरी पंडितों को विभिन्न औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कतार में लगवा दिया जाता है। शादीलाल पंडिता ने कहा कि एम फार्म की जरूरत ही नहीं है।

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 08:20 AM (IST)
Kashmiri Pandit: मतदान के लिए एम फॉर्म भरने की अनिवार्यता पर भड़के कश्मीरी पंडित
सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उनको वहां से हटाया।

जागरण संवाददाता, जम्मू : मतदान के लिए मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए एम फार्म भरने की अनिवार्यता के खिलाफ कश्मीरी पंडितों ने रविवार को जगटी में सड़क को अवरुद्ध कर प्रदर्शन किया। कश्मीरी पंडितों ने कहा कि एम फार्म के कारण कश्मीरी पंडित मतदान नहीं कर पाते हैं। कश्मीरी पंडितों के प्रदर्शन की वजह से सड़क पर वाहनों की आवाजाही कुछ देर के लिए प्रभावित रही।

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जगटी टेनामेंट कमेटी व सोन कश्मीर के बैनर तले कश्मीरी पंडितों ने रविवार को एम फार्म के विरोध में प्रदर्शन किया। दोनों संगठनों के कार्यकर्ता जगटी में सड़क पर एकत्र हुए। उन्होंने अपने हाथों में नारे लिखे पोस्टर बैनर पकड़े थे। यहां पर करीब एक घंटे तक इन लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। उन्होंने मतदान के लिए एम फार्म की अनिवार्यता के विरोध में जम्मू कश्मीर प्रशासन व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उनको वहां से हटाया। जगटी टेनामेंट और सोन कश्मीर के कार्यकर्ताओं का कहना था कि केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन विस्थापित कश्मीरी पंडितों की परेशानियों को दूर करने को लेकर गंभीर नहीं है। 'एम फॉर्म की वजह से घाटी में डीडीसी चुनाव में नहीं कर पाए मतदान' जगटी टेनामेंट कमेटी के प्रधान शादीलाल पंडिता ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के नाम रिलीफ कमिश्नर माइग्रैंट कार्यालय में दर्ज हैं। इसलिए जब चुनाव का दौर आता है, तो इन कश्मीरी पंडितों से एम फार्म भराने की जरूरत नहीं रहती।

सारा रिकॉर्ड सरकार के पास है, फिर भी हर बार एम फार्म बीच में आ जाता है और कश्मीरी पंडितों को विभिन्न औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए कतार में लगवा दिया जाता है। शादीलाल पंडिता ने कहा कि एम फार्म की जरूरत ही नहीं है। इसके चलते डीडीसी चुनाव में घाटी में अपने क्षेत्र के उम्मीदवार को कई कश्मीरी पंडित वोट नहीं डाल पाए।


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