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कश्मीरी हिंंदू संदीप मावा का आतंकियों को दो-टूक जवाब-कुछ भी कर लें, मैं अपनी मिट्टी-अपना कश्मीर छोड़ नहीं जाऊंगा

Target Killing in Kashmir मैं इब्राहिम के जनाजे में शरीक होना चाहता था लेकिन पुलिस ने मुझे अनुमति नहीं दी। वह हमारे साथ बीते 13 साल से काम कर रहा था। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं इब्राहिम की मां पत्नी-बच्चों का सामना कैसे करूंगा।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 10 Nov 2021 07:27 AM (IST)Updated: Wed, 10 Nov 2021 11:29 AM (IST)
कश्मीरी हिंंदू संदीप मावा का आतंकियों को दो-टूक जवाब-कुछ भी कर लें, मैं अपनी मिट्टी-अपना कश्मीर छोड़ नहीं जाऊंगा
मैं इब्राहिम की मां, उसकी पत्नी और बच्चों का सामना कैसे करूंगा।

श्रीनगर, नवीन नवाज : कश्मीरी हिंदू व्यवसायी डा. संदीप मावा ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं अपनी मिट्टी-अपना कश्मीर छोड़कर नहीं जाऊंगा। यह मेरा घर है, यह मेरे पूर्वजों की जमीन है। मैं बंदूक से नहीं डरने वाला। मैं आतंकियों से भी नहीं डरता। उन्होंने कहा कि आतंकियों का निशाना मैं ही था, लेकिन मेरी जगह आतंकियों ने मोहम्मद इब्राहिम को शहीद कर दिया। वह मेरा मुलाजिम नहीं, मेरे सगे भाई जैसा था।

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जम्मू कश्मीर रिकांसिलेशन फ्रंट के चेयरमैन डा. संदीप मावा उन गिने चुने कश्मीरी पंडितों में एक हैं, जिन्होंने आतंकियों की धमकी के बावजूद कश्मीर से अपना नाता नहीं तोड़ा। श्रीनगर में आतंकियों का गढ़ कहे जाने वाले डाउन-टाउन में उनका कारोबार है। उन्होंने अपने संगठन का कार्यालय भी डाउन-टाउन में ही बना रखा है। आतंकियों की हिटलिस्ट में शामिल डा. संदीप मावा के जीजा मक्खन लाल बिंदरू की भी आतंकियों ने बीते माह पांच अक्टूबर को हत्या कर दी थी। डा. मावा के पिता रोशन लाल मावा भी 1990 में आतंकियों के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

दैनिक जागरण के साथ बातचीत में डा. संदीप मावा ने कहा कि आतंकी मुझे या मेरे पिता को निशाना बनाने की तैयारी में हैं, यह इनपुट पुलिस को लगभग दो दिन पहले मिल चुका था। यही कारण है कि सोमवार को मैं दोपहर करीब 12 बजे अपने कार्यालय पहुंचा तो उस समय वहां पुलिस भी पहुंच गई थी। जितनी देर तक मैं अपने कार्यालय में काम करता रहा, वहां सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा। पुलिस के आग्रह पर ही मैं दोपहर बाद तीन बजे अपने घर के लिए निकला और मैंने वह गाड़ी इस्तेमाल नहीं की जो लेकर गया था, मैं दूसरी गाड़ी में घर आया था।

आतंकियों को लगा होगा कि मैं देर रात तक अपने कार्यालय में ही हूं और जब रात को इब्राहिम मेरी गाड़ी स्टार्ट कर रहा था, आतंकियों ने समझा कि मैं गाड़ी में हूं और उन्होंने हमला कर दिया। इस हमले में मोहम्मद इब्राहिम शहीद हो गया। वह मेरी जगह मारा गया है। वह हमारे साथ बीते 13 साल से काम कर रहा था। मैं इब्राहिम के जनाजे में शरीक होना चाहता था, लेकिन पुलिस ने मुझे अनुमति नहीं दी। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं इब्राहिम की मां, उसकी पत्नी और बच्चों का सामना कैसे करूंगा।

मैं आतंकियों की साजिश पूरी नहीं होने दूंगा : डा. मावा ने कहा कि मेरे पिता पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में ही हैं। मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ यहां श्रीनगर में हूं। इस हमले के बाद से सभी डर गए हैं और चाहते हैं कि मैं जल्द कश्मीर छोड़ दूं। आतंकी चाहे जो भी करें, मैं कश्मीर नहीं छोडूंगा। आतंकी चाहते हैं कि कश्मीर से कश्मीरी पंडित खत्म हो जाएं, कश्मीर में ङ्क्षहदू और मुस्लिम हमेशा के लिए एक-दूसरे के दुश्मन बन जाएं, मैं ऐसी साजिश पूरी नहीं होने दूंगा।

मावा बोले, मुस्लिम जांबाज फोर्स ने किया हमला : डा. संदीप मावा के मुताबिक, यह हमला आतंकी संगठन मुस्लिम जांबाज फोर्स ने किया है। उन्होंने बताया कि बीती रात ही मुस्लिम जांबाज फोर्स ने एक बयान जारी कर इब्राहिम की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। मंगलवार को इसी संगठन ने एक अन्य बयान में दावा किया है कि उसका निशाना डा. संदीप मावा और उनके पिता थे, लेकिन गलती से मोहम्मद इब्राहिम मारा गया है। बता दें कि अभी पुलिस ने हमला करने वाले आतंकी संगठन की पुष्टि नहीं की है। 


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