Kashmir: कश्मीरी कारोबारी वटाली दोषी करार, 62 लाख का जुर्माना
वहीं एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने डोडा जिले के अस्सर गांव में रहने वाले बाप-बेटे पर आय के ज्ञात स्नोतों से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार कश्मीर के व्यापारी जहूर अहमद वटाली को प्रवर्तन निदेशालय ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। नियमों को ताक पर रखकर दिल्ली स्थित एचबीसी बैंक में अप्रवासी भारतीय बचत खाता चलाने के मामले में न्यायिक प्राधिकरण ने वटाली पर 62 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
प्राधिकरण ने फेमा के तहत वटाली के कई संदिग्ध फॉरेन एक्सचेंज लेनदेन के मामलों में भी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह खाते खोलने के लिए वटाली ने वाशिंगटन डीसी द्वारा जारी पासपोर्ट के आधार पर खुद को अप्रवासी भारतीय बताया था। अलबत्ता वह न तो इस दौरान 182 दिन भारत से बाहर रहा और न ही उसकी वहां रहने की कोई इच्छा ही थी। वर्ष 2003 से 2009 में इन खातों में 62.93 लाख रुपये आए। वटाली ने झूठे एनआरआइ स्टेटस के आधार पर बैंक खाते चलाकर फेमा की धारा 4 व सेक्शन 6(3) उल्लंघन किया। इसके लिए उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
वटाली के खिलाफ टेरर फंडिंग के मामले में उसकी 8.94 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच है। वह इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। वटाली इस मामले में आरोपी 9 अन्य लोगों के साथ जेल में हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग मामले की इस नामी व्यापारी और सैयद अली शाह गिलानी के करीबी वटाली को भी गिरफ्तार किया था। वटाली पर विदेशों से पैसा लाने और अलगाववादी व आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के आरोप हैं।
खारिज पासपोर्ट से विदेश यात्र का भी है केस
वटाली पर खारिज हो चुके पासपोर्ट के आधार पर विदेश यात्र करने का मामला भी चल रहा है। उसने समाप्त हो चुके अपने पासपोर्ट को संबंधित प्रशासन को सौंपने के बजाय 21 मार्च 2016 को विदेश यात्र की। इसके बाद जब दोबारा इसी पासपोर्ट पर विदेश जाने की कोशिश की तो दिल्ली में पकड़ लिया गया। इस सिलसिले में श्रीनगर के राममुंशी बाग में पुलिस स्टेशन में सहायक पासपोर्ट अधिकारी श्रीनगर की शिकायत पर उनके खिलाफ धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे।
बाप-बेटे ने जुटाई बेनामी संपत्ति दोनों हैं सरकारी कर्मी, केस दर्ज
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने डोडा जिले के अस्सर गांव में रहने वाले बाप-बेटे पर आय के ज्ञात स्नोतों से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है। एसीबी ने शुक्रवार को उनके घर पर छापा मारा तो करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति, बैंक पासबुक, एफडीआर और कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए। फिलहाल, इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसीबी डोडा ने अस्सर निवासी नाजिर अहमद और उसके बेटे आरिफ वकार के खिलाफ केस दर्ज किया है। नाजिर अहमद अस्सर के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (बीडीओ) के कार्यालय में सीनियर असिस्टेंट पद पर कार्यरत है, जबकि उसका बेटा आरिफ पब्लिक वक्र्स डेवलपमेंट (पीडब्ल्यूडी) की रामबन डिवीजन में जूनियर असिस्टेंट पद पर है। एसीबी को शिकायत मिली थी कि बाप-बेटे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपत्ति बनाई है। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि दोनों ने एक कनाल एक मरला जमीन पर तीन मंजिला और एक मंजिला मकान बनाया। 12 मरला जमीन पर दो मंजिला मकान बनाया। तीन कनाल 12 मरला जमीन पर दुकानें बनाई। अस्सर में उनके पास 22 कनाल जमीन है, जबकि अस्सर में ही बटोत-डोडा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक कनाल जमीन पर उनकी एक फैक्टरी भी है, जिसमें फिलहाल उत्पादन नहीं हो रहा। इसके अलावा आरिफ ने एक मारुति कार भी खरीदी थी। जांच के दौरान पाया गया कि बाप-बेटे की संपत्ति आय के ज्ञात स्नोतों से कहीं अधिक है। प्रारंभिक जांच में आरोप साबित होने पर एसीबी ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर अस्सर स्थित घर में छापा मारा।