Jammu and Kashmir: नगरोटा हमले में कश्मीरी छात्र समेत दो और ओजीडब्ल्यू दबोचे
कश्मीर जाते समय आतंकियों के लिए इस्तेमाल ट्रक के पीछे चल रहे थे दोनोंआतंकियों के हैंडलरों ने स्टैंडबाई के रूप में रखा था दोनों ओजीडब्ल्यू को
जम्मू, जागरण संवाददाता। नगरोटा के बन टोल प्लाजा पर पिछले शुक्रवार को हुए आतंकी हमले में शामिल ट्रक चालक समीर अहमद डार से पूछताछ और उसकी कॉल डिटेल के आधार पर दो और ओवरग्राउंड वर्कर यानी ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें से एक सांबा के नड में पढ़ाई कर रहा कश्मीरी छात्र बताया जा रहा है। दोनों ओजीडब्ल्यू को सांबा पुलिस ने नड इलाके से पकड़ा है।
जम्मू में पढ़ रहे एक अन्य छात्र के भी पकड़े जाने की बात बताई जा रही है, लेकिन इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की है। इसे कश्मीर में बैठे हैंडलरों ने स्टैंडबाई के रूप में रखा था। नगरोटा में हुए आतंकी हमले में जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकी मारे गए थे। इसके अलावा तीन ओजीडब्ल्यू को पकड़ा गया था। जिनमें से एक पुलवामा जिले का निवासी एवं ट्रक चालक समीर डार भी है।
पूछताछ में इन ओजीडब्ल्यू ने बड़े खुलासे किए
पुलवामा में सीआरपीएफ हमले में शामिल आदिल डार के चचेरे भाई समीर ने पूछताछ में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी को बताया कि मारे गए आतंकियों के साथ दो ओवरग्राउंड वर्कर चल रहे थे। इनमें से कश्मीरी छात्र है। इन्हें जम्मू से कश्मीर पहुंचाने के दौरान किसी भी परिस्थिति से निपटते के लिए कश्मीर में बैठे हैंडलरों ने जिम्मेदार सौंपी थी। स्टैंडबाई ग्रुप के यह ओजीडब्ल्यू ट्रक के पीछे चल रहे थे, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर स्तर के आतंकवादी कश्मीर जा रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक नगरोटा के बन टोल प्लाजा पर समीर डार जब पुलिसकर्मियों से उलझने लगा तो ट्रक के पीछे चलने वाले दोनों ओजीडब्ल्यू ने समझ लिया कि वह बुरी तरह फंस गए हैं। इसके बाद ये दोनों वहां से भाग निकले। जांच टीम ने इन दोनों ओजीडब्ल्यू को सांबा के नड इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। उनसे गहन पूछताछ जारी है।
जम्मू में भी था एक स्टैंड वाई वर्कर
इतना ही नहीं, पूछताछ में समीर ने एसओजी को बताया कि कश्मीर में बैठे हैंडलरों ने कमांडरों को घाटी पहुंचाने के लिए ठोस प्रबंध किए थे। अगर ट्रक ड्राइवर समीर डार आतंकवादियों को जम्मू संभाग के सांबा में हाईवे पर आतंकवादियों को किन्हीं कारणों से चढ़ा नहीं पाता है तो इसके लिए जम्मू में पढ़ रहे एक और छात्र को इसके लिए स्टैंडबाई रखा गया था ताकि किसी भी विपरीत स्थिति में इन विदेशी आतंकियों को कश्मीर पहुंचाया जा सके।
हर हालत में कश्मीर पहुंचाने की थी साजिश
हैंडलरों ने मारे गए आतंकवादियों से कहा गया था कि उन्हें हर हालत में कश्मीर पहुंचना है। जम्मू में पढ़ रहे कश्मीर के जिस छात्र को स्टैंडबाई रहने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, उसके बारे में यह जानकारी जुटाई जा रही है कि क्या वह वाकई में छात्र है या फिर स्ली¨पग सेल के जरिए आंतकवादियों को सीमा पार से कश्मीर भेजने में शामिल है। एसओजी की टीम गहन पूछताछ में लगी हुई है कि स्ली¨पग सेल के रूप में जम्मू में पढ़ाई कर रहे छात्र कि क्या भूमिका है?