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Kashmir Situation: मनरेगा के लिए जम्मू कश्मीर को चार राष्ट्रीय अवार्ड मिले

जम्मू कश्मीर में पंचायत स्तर पर जल संचय व ब्लॉक स्तर पर मनरेगा योजना प्रभावी बनाने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को चार राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 09:28 AM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 09:28 AM (IST)
Kashmir Situation: मनरेगा के लिए जम्मू कश्मीर को चार राष्ट्रीय अवार्ड मिले
Kashmir Situation: मनरेगा के लिए जम्मू कश्मीर को चार राष्ट्रीय अवार्ड मिले

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में पंचायत स्तर पर जल संचय व ब्लॉक स्तर पर मनरेगा योजना प्रभावी बनाने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को चार राष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं। जल संचय से सिंचाई सुविधाओं में बेहतरी लाने के लिए जम्मू संभाग के सांबा और कश्मीर के कुलगाम जिलों को पंचायत स्तर पर जल संरक्षण के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित करने, चैक डैम बनाकर सिंचाई करने के वर्गों में अवार्ड दिए हैं।

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दूसरी ओर ब्लॉक स्तर पर मनरेगा योजना को पारदर्शी तरीके से प्रभावी बनाने के लिए जियो टैगिंग करने वाले जम्मू संभाग के डोडा के काहतरा व पुंछ जिले के मंडी ब्लॉक को दो वर्गों में अवार्ड मिले हैं। जियो टैगिंग में फोटो, वीडियो के माध्यम से निर्माण का सारा डाटा, इसकी भू स्थिति का ब्योरा वेबसाइट पर उपलब्ध करवाया जाता है ताकि कोई भी सुनिश्चित कर सके कि जमीन पर काम हुआ है।

दिल्ली में ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग की ओर से अतिरिक्त सचिव राकेश बड़याल ने वीरवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर से ये अवार्ड हासिल किए। देश के विभिन्न राज्यों के साथ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। ये अवार्ड जल संचय के लिए ढांचा तैयार करने वाली सर्वक्षेष्ठ ग्राम पंचायत, जल संरक्षण के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने वाली सर्वक्षेष्ठ पंचायत, मनरेगा के तहत हुए कार्यों की जियोटैं¨गग व राष्ट्रीय स्तर पर जियो टैगिंग के अनुकरणीय कार्यो के वर्गों में मिले हैं।

ग्रामीणों को रोजगार देने वाली केंद्र प्रायोजित मनरेगा योजना जम्मू कश्मीर में 2.76 लाख ग्रामीण परिवारों को सहयोग दे रही है। 19 दिसंबर 2019 तक जम्मू कश्मीर में योजना के साथ जुड़े श्रमिकों की संख्या 15.20 लाख है। इनमें 680049 महिला कार्यकर्ता व 110925 अनुसूचित जाति के हैं। इस योजना से जम्मू कश्मीर में 98 लाख दिहाडि़यां पैदा हुई हैं। प्रदेश में अब तक 4.16 लाख परिसंपत्तियां तैयार हुई हैं। इनमें 3.64 लाख परिसंपत्तियां की प्रथम चरण में जियोटैं¨गग भी हो चुकी है।

ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग मनरेगा योजना को पारदर्शी तरीके से प्रभावी बनाकर ग्रामीणों को इनका लाभ दिलाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से श्रमिकों की दिहाड़ी उसी समय उनके बैंक खाते में डाली जा रही है। जियोटैं¨गग से सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्माण कार्यों का दोहराव न हो। इसके साथ मनरेगा निमार्ण, जाब कार्ड व अन्य मामलों संबंधी शिकायतों को निपटारे के लिए विभिन्न स्तरों पर लोकपाल काम कर रहे हैं। 


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