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Kashmir Situation: नये साल में तेज होंगे आतंकरोधी अभियान, दहशतगर्दों को उनकी मांद में मार गिराया जाएगा

नये साल में जम्मू कश्मीर में आतंकरोधी अभियान में तेजी लाई जाएगी। इससे पहले कि आतंकी कोई हमला करें दहशतगर्दों को मार गिराया जाएगा-सुरक्षाबलों ने बनाई नई रणनीति

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 08:19 AM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 08:19 AM (IST)
Kashmir Situation: नये साल में तेज होंगे आतंकरोधी अभियान,  दहशतगर्दों को उनकी मांद में मार गिराया जाएगा
Kashmir Situation: नये साल में तेज होंगे आतंकरोधी अभियान, दहशतगर्दों को उनकी मांद में मार गिराया जाएगा

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर घाटी से केंद्रीय अर्धसैनिकबलों की अतिरिक्त टुकड़ों की वापसी के बीच आतंकियों की साजिशों को नाकाम बनाने के लिए सुरक्षाबलों ने नई रणनीति के तहत काम शुरू कर दिया है। पूरी वादी के अलावा जम्मू-श्रीनगर हाईवे और जम्मू प्रांत के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आतंकरोधी अभियान शुरू किए गए हैं। सभी सुरक्षा एजेंसियों को आतंकी हमलों से निपटने के लिए अपने क्विक एक्शन व रिएक्शन टीमों को चिन्हित स्थानों पर तैनात करने का निर्देश भी दिया गया है। संकेत साफ हैं, नये साल में जम्मू कश्मीर में आतंकरोधी अभियान में तेजी लाई जाएगी। जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह भी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को आतंकियों के सफाए के निर्देश दे चुके हैं।

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विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां पहले ही आशंका जता चुकी हैं कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी जम्मू कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए हमले की साजिश रच रहे हैं। इससे पहले कि आतंकी कुछ करें, सुरक्षाबल सुरक्षा कड़ी करने के साथ ढूंढकर उनके सफाए में जुट गए हैं। राज्य के सभी प्रमुख धर्मस्थलों और अल्पसंख्यकों की बस्तियों, सभी सैन्य व पुलिस प्रतिष्ठानों, केंद्र व राज्य प्रशासन के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के अलावा पंचायत प्रतिनिधियों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की सुरक्षा भी बढ़ाई जा रही है।

सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि बीते पांच माह के दौरान जिस तरह से कश्मीर में हालात लगभग सामान्य रहे हैं और स्थानीय लोगों ने आतंकी हिंसा से मुंह मोड़ा है, उससे जिहादी संगठन पूरी तरह हताश हैं। उन्होंने बताया कि वादी में जुलाई-अगस्त माह के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए बुलाए गए केंद्रीय अर्धसैनिकबल भी लौटने लगे हैं। ऐसे हालात में आतंकी संगठन किसी भी चूक का फायदा उठाकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे सकते हैं। इसलिए अतिरिक्त चौकसी की जरूरत है।

सूत्रों के अनुसार, इस समय जैश-ए-मोहम्मद, अल उमर मुजाहिदीन, हिज्ब और लश्कर के आतंकियों को एलओसी पार बैठे अपने सरगनाओं से लगातार निर्देश मिल रहा है कि वह जम्मू कश्मीर में जल्द कोई बड़ी कार्रवाई करें। यह आतंकी न सिर्फ घाटी बल्कि घाटी से बाहर भी हमले की फिराक में हैं। इसलिए किसी भी चूक से बचने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने खुफिया एजेंसियों के अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ विचार विमर्श के आधार पर आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाई है।

सूत्रों के अनुसार, आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आतंकी गतिविधियों, नए लड़कों की आतंकी संगठनों में भर्ती और हिंसक प्रदर्शनों के आकलन के आधार पर वर्गीकरण किया गया है। इसके आधार पर इन इलाकों में आतंकरोधी अभियानों की रूपरेखा तय करते हुए सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के आस-पास सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने के साथ केंद्रीय अर्धसैनिकबलों को सुरक्षा का जिम्मा निभाने के लिए कहा गया है।

हाईवे पर सभी संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ व सेना के जवानों की गश्त के समय व तरीके में आवश्यक बदलाव करते हुए रोड ओपनिंग पार्टियों को विस्फोटकों का पता लगाने वाले अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। इसके अलावा विभिन्न शहरों व कस्बों में आने जाने के महत्वपूर्ण रास्तों और हाईवे को वादी के विभिन्न इलाकों से जोड़ने वाली संपर्क सड़कों पर विशेष नाके स्थापित करने के लिए कहा गया है। आतंकियों के सभी पुराने ओवरग्राउंड वर्करों, जेल से रिहा हुए आतंकियों और पुराने पत्थरबाजों की गतिविधियों की कड़ी निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही इलेक्ट्रानिक सर्वेलांस को भी बढ़ाया गया है। 


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