Kashmir: रमजान में घराें में ही पढ़ें पांच वक्त और तरावीह की नमाज: कश्मीर ग्रैंड मुफ्ती
पवित्र रमजान में हर इलाके के लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके आसपास कोई भी खाली पेट न सोए। सभी तक सेहरी और इफ्तार पहुंचे।
श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती नासिर-उल इस्लाम ने मंगलवार को कश्मीर के युवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण नाराज या फिर निराश होने की जरूरत नहीं है। जल्द ही शांति की सुबह होगी जो कश्मीर वादी से सभी चिंताओं-दुखों को दूर ले जाएगी। उन्होंने 25 अप्रैल से आरंभ होने जा रहे पवित्र रमजान का हवाला देते हुए कहा कि लोगों को अपने घरों में ही पाँच वक्त की नमाज अदा करना अनिवार्य है। यह अल्लाह की रहमत पाने और अपने गुनाहों की क्षमा मांगने का माह है। लोगों को अपने घरों में रहकर इस पवित्र माह के नियमों का पालन कर कश्मीर के लोगों सहित बाकी दुनिया के लोगों के कल्याण की दुआ करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने रमजान के पवित्र महीने में मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ को निलंबित कर दिया है। लोगों से कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर घर पर ही नमाज पढ़ने को कहा है। कश्मीर के लोगों खासकर युवा पीढ़ी से अपील करते हुए ग्रैंड मुफ्ती नासिर-उल इस्लाम ने कहा कि जो कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण परेशान और निराश महसूस कर रहे हैं, उन्हें घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। शांति की सुबह जल्द ही उभरेगी। कश्मीर में एक बार फिर खुशहाली का माहौल होगा।
उन्होंने कहा कि अल्लाह उसमें विश्वास रखने वालों के लिए हमेशा अपने दरवाजे खोले रखता है। वहां अविश्वास के लिए कोई जगह नहीं है। अल्लाह कश्मीर के लोगों और बाकी दुनिया के लोगों के कल्याण के लिए की जाने वाली दुआओं को सुनेंगे और उनका जवाब भी देंगे। कश्मीर के लोगों को भी चाहिए कि वे मानवता का सम्मान करें।
इस्लाम ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में मानवता की रक्षा करने का सबसे अच्छा तरीका पांच वक्त की नमाज अदा करना है। रमजान के दिनों में तरावीह की नमाज (देर रात की नमाज) आपको अपने घरों में ही अदा करना होगी। लोगों को इस मुश्किल घड़ी में एकजुट समाज की तरह व्यवहार करना चाहिए। रमजान में हमें मस्जिदों की ओर नहीं भागना चाहिए। इसके बजाय अपने घरों में सुरक्षित रहकर दुआ करें। रमजान अल्लाह की रहमत, शांति और दूसरों के लिए बेहतर मांगने का सबसे अच्छा विकल्प है।
ग्रैंड मुफ्ती नासिर-उल इस्लाम ने कश्मीर भर के लोगों से जरूरतमंद, गरीब, बेसहारा और अनाथों की पहचान करने और इस चुनौतीपूर्ण समय में उन्हें भोजन, कपड़े और दान देने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि रमजान में यह सबसे बड़ा सबाव का काम है। उन्होंने कहा कि हर इलाके के लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके आसपास कोई भी खाली पेट न सोए। सभी तक सेहरी और इफ्तार पहुंचे।