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Kargil Vijay Diwas 2021: द्रास में उमड़ा देशभक्ति का सैलाब, उपराज्यपाल-जनरल रावत ने शहीदों को सलामी दी

Kargil Vijay Diwas 2021 देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम में सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी सेना की चौदह कोर पंद्रह च सोलह कोर के कोर कमांडरों ने भी कारगिल शहीदों को पुष्प च्रक अर्पित किए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 12:02 PM (IST)
Kargil Vijay Diwas 2021: द्रास में उमड़ा देशभक्ति का सैलाब, उपराज्यपाल-जनरल रावत ने शहीदों को सलामी दी
पाकिस्तानी सैनिकों को चोटियों से खदेड़ते हुए शहादत पाने वाले भारतीय सेना के 527 वीरों को सलामी दी गई।

जम्मू, राज्य ब्यूरो्: कारगिल विजय दिवस पर द्रास वार मेमोरियल में सेना के वीरों के जज्बे ने जोश मारा। बाइसवें कारगिल विजय दिवस पर सेना ने अपने शहीदों से प्रेरणा लेते हुए प्रण किया कि जान दे देंगे लेकिन वतन की मिट्टी नही देंगे। साेमवार को 22वें कारगिल दिवस पर द्रास में उंची चाेटियों पर लड़े गए कारगिल युद्ध् की यादें ताजा हो आई।

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भारतीय सेना के जवानों की वीरता की प्रतीक कारगिल की चोटियों में स्थित द्रास वार मेमोरियल में सुबह भारतीय सेना के चीता हेलीकाप्टरों ने फल बरसाकर दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देते शहीद हुए सेना के अधिकारियों व जवानों को श्रद्धसुमन अर्पित किए। लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर व चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने तोलोलिंग पहाड़ियों की ओट में स्थित द्रास वार मेमोरियल में सेना के शहीदों को सलामी दी।

देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम में सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी सेना की चौदह कोर, पंद्रह च सोलह कोर के कोर कमांडरों ने भी कारगिल शहीदों को पुष्प च्रक अर्पित किए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए द्रास आना था। सोमवार को मौसम खराब हो जाने के कारण वह श्रीनगर से द्रास नही पहुंच पाए। ऐसे में अब वह गुलमर्ग के हाई अल्टीच्यूड वारफेयर स्कूल के वार मेमोरियल में कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

द्रास में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों को चोटियों से खदेड़ते हुए शहादत पाने वाले भारतीय सेना के 527 वीरों को सलामी दी गई। युद्ध में 1300 से अधिक भारतीय सैनिक घायल हुए थे। अपने इन वीरों से प्रेरणा लेते हुए पूर्वी लद्दाख के गलवन व पश्चिमी लद्दाख के सियाचिन में पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए सेना आज भी डटी है।

कोरोना संक्रमण से उपजे हालात में पिछली बार कारगिल विजय दिवस को सादे तौर पर मनाया गया था। इस बार कारगिल विजय दिवस को बड़े पैमाने पर मनाया गया। ऐसे में परमवीर चक्र विजेता संजय कुमार, योगन्द्र सिंह यादव के साथ परमवीर चक्र विजेता मनोज पांडे के भाई मनमोहन पांडे समेत कई शहीदों के परिजन व युद्ध में हिस्सा ले चुके सेवानिवृत सैन्यकर्मी भी विजय दिवस समारोह में शामिल होने पहुंचे।

सोमवार सुबह दस बजे फूलों से सजाए गए द्रास वार मेमोरियल में हेलीकाप्टरों से फूल बरसाने के साथ शुरू हुए कार्यक्रम में लाइट एंड साउंड के जरिए कारगिल युद्ध की यादों को ताजा कर दिया। बाइस साल पहले के उस मंजर को ताजा किया गया जब भारतीय सैनिकों ने बुलंद हौंसले के साथ कारगिल की चोटियाें पर बैठे दुश्मन पर करार आघात कर उसे मार भगाया था। कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल, तोलोलिंग, मुश्कोह वैली व लोमोचन टाप जैसी चोटियों को जीतने के लिए लड़ी गई थी। 


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