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Jammu: एमए स्टेडियम को सिर्फ क्रिकेट के लिए आरक्षित करना प्रशासन का क्षेत्राधिकार: हाईकोर्ट

जब एमए स्टेडियम की मरम्मत का कार्य चल रहा था तब एथलीट की कोचिंग के लिए जम्मू यूनिवर्सिटी ग्रीन फील्ड गांधी नगर व महिला कालेज गांधी नगर का मैदान लिया गया था। इसी तरह फुटबाल के लिए जीजीएम साइंस कालेज व मिनी स्टेडियम परेड में कोचिंग जारी रखी गई।

By Edited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 08:38 AM (IST)
Jammu: एमए स्टेडियम को सिर्फ क्रिकेट के लिए आरक्षित करना प्रशासन का क्षेत्राधिकार: हाईकोर्ट
हाकी के लिए पहले से ही केके हक्कू स्टेडियम में खिलाड़ी प्रैक्टिस करते आ रहे हैं।

जेएनएफ, जम्मू : हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में सभी खेल गतिविधियों की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका का निपटारा कर दिया है। पूर्व रणजी खिलाड़ी प्रो. आशुतोष शर्मा की ओर से दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई बंद करते हुए बेंच ने कहा कि विभिन्न खेलों के लिए विभिन्न स्पो‌र्ट्स काप्लेक्स निर्धारित करना एक नीतिगत फैसला है और प्रशासन का क्षेत्राधिकार है। ऐसे में यह प्रशासन पर निर्भर करता है कि वह संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों की राय से इस पर फैसला ले।

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जनहित याचिका में कहा गया था कि प्रशासन ने एमए स्टेडियम को केवल क्रिकेट के लिए आरक्षित कर दिया है, जिससे दूसरे खेल प्रभावित हो रहे हैं और खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए जगह नहीं मिल रही। मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने बेंच को बताया था कि एमए स्टेडियम के साथ बने इंडोर काम्पलेक्स में जूडो, टेबल टेनिस, योगा, बैडमिंटन, बास्केटबाल, वालीबाल, लॉन टेनिस, स्नूकर, रोलर स्केटिंग, स्वीमिंग, बाक्सिंग व ताईक्वांडो जैसे अन्य खेल जारी है और खिलाड़ी लगातार यहां प्रेक्टिस भी कर रहे हैं।

जब एमए स्टेडियम की मरम्मत का कार्य चल रहा था, तब एथलीट की कोचिंग के लिए जम्मू यूनिवर्सिटी, ग्रीन फील्ड गांधी नगर व महिला कालेज गांधी नगर का मैदान लिया गया था। इसी तरह फुटबाल के लिए जीजीएम साइंस कालेज व मिनी स्टेडियम परेड में कोचिंग जारी रखी गई और रेसलिंग व फेंसिंग के लिए जम्मू यूनिवर्सिटी व खो-खो के लिए ग्रीन फील्ड गांधी नगर के मैदान में कोचिंग जारी रही। हाकी के लिए पहले से ही केके हक्कू स्टेडियम में खिलाड़ी प्रैक्टिस करते आ रहे हैं।

सरकार की ओर से पक्ष रखा गया कि एमए स्टेडियम के मरम्मत कार्य या उसके बाद कोई भी खिलाड़ी को¨चग या प्रैक्टिस से वंचित नहीं रहा। एमए स्टेडियम के मैदान में पहले भी क्रिकेट की खेला जाता था और अब बीसीसीआइ ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदान में विकसित किया है और आज यह स्टेडियम बड़े मुकाबलों के लिए तैयार है। सरकार के इस पक्ष के बाद बेंच ने कहा कि जनहित याचिका में अब कोई तर्क नहीं रह गया, लिहाजा इस पर सुनवाई जारी रखने का कोई फायदा नहीं।


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