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जम्मू में 10वीं के पेपर हुए बिना ही 11वीं कक्षा के दाखिले शुरू, ऑनलाइन पढ़ाई भी करवाई जा रही

आने वाले कुछ दिनों में इस पर फैसला हो जाएगा। इस पूरे हालात को देखते हुए स्कूलों में ग्यारहवीं पास हुए बिना ही बारहवीं कक्षा के लिए दाखिले हो चुके है। साथ में ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू कर दी गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 11:17 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 11:17 AM (IST)
जम्मू में 10वीं के पेपर हुए बिना ही 11वीं कक्षा के दाखिले शुरू, ऑनलाइन पढ़ाई भी करवाई जा रही
ग्यारहवीं कक्षा में मॉस प्रमोशन की मांग की जा रही है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू संभाग में दसवीं कक्षा का परिणाम घोषित होने से पहले ही हायर सेकेंडरी स्कूलों में ग्यारहवीं कक्षा के लिए ऑनलाइन दाखिले शुरू हो गए हैं। विद्यार्थियों की पढ़ाई बर्बाद न हो, इसके लिए स्कूलों ने विद्यार्थियों के दाखिला करने के साथ ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू कर दी हैं।

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दसवीं कक्षा की परीक्षा को लेकर अभी तक बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन जम्मू कश्मीर कोई फैसला नहीं कर पाया है। बोर्ड ने जम्मू संभाग के समर जोन के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों के लिए दसवीं कक्षा की परीक्षा अप्रैल में शुरू की थी। अभी दो पेपर ही हुए थे कि कोरोना से उपजे हालात के कारण शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा। इतना ही नहीं लॉकडाउन लगा दिया गया। विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं बीच में ही स्थगित कर दी गई।

दसवीं कक्षा की परीक्षा के शेष बचे हुए पेपर होंगे या नहीं या पहले हुए पेपरों के आधार पर ही अन्य पेपरों का मूल्यांकन कर दिया जाएगा, इस को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग जम्मू ने अगली कक्षा ग्यारहवीं में दाखिले के लिए स्कूलों को कह दिया है।

विद्यार्थियों को बाद में मार्क्स शीट उपलब्ध करवानी होगी। अगर वे पास हो गए तो ग्यारहवीं कक्षा में बने रहेंगे अन्यथा उनका दाखिला रद कर दिया जाएगा। वहीं बोर्ड ने अभी तक ग्यारहवीं कक्षा को लेकर भी कोई फैसला नहीं किया है। ग्यारहवीं कक्षा में मॉस प्रमोशन की मांग की जा रही है।

आने वाले कुछ दिनों में इस पर फैसला हो जाएगा। इस पूरे हालात को देखते हुए स्कूलों में ग्यारहवीं पास हुए बिना ही बारहवीं कक्षा के लिए दाखिले हो चुके है। साथ में ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू कर दी गई है। चूंकि इस समय कोरोना कर्फ्यू लागू है तो विद्यार्थियों को पुस्तकें खरीदने में कुछ मुश्किलें अवश्य ही पेश आ रही है।

अध्यापक अपने घरों से ही आनलाइन पढ़ा रहे है। इसका फायदा यह होगा कि जब कोरोना कर्फ्यू के हट जाने के बाद हालात सामान्य होने पर शिक्षण संस्थान खुलेंगे तो अकादमिक सत्र ज्यादा लेट नहीं होगा। इस अवधि के दौरान विद्यार्थी कुछ न कुछ सीखे पाएंगे। 


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