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जम्मू-कश्मीर: होस्टल में नाबालिगों के साथ यौन शोषण का खुलासा, 20 बच्चों को छुड़ाया गया

जम्‍मू कश्‍मीर के कठुआ शहर के बीचों बीच पारलीवंड इलाके में चर्च के नाम पर बने अवैध हॉस्टल में नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने में आया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 03:12 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 03:18 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर: होस्टल में नाबालिगों के साथ यौन शोषण का खुलासा, 20 बच्चों को छुड़ाया गया
जम्मू-कश्मीर: होस्टल में नाबालिगों के साथ यौन शोषण का खुलासा, 20 बच्चों को छुड़ाया गया

जम्‍मू एजेंसी। देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे शेल्टर होम्स में बच्चों के यौन शोषण की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अवैध रूप से चर्च से जुड़े एक होस्टल में भी शुक्रवार को ऐसी ही एक वारदात का खुलासा हुआ है। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बीते शुक्रवार को पुलिस ने होस्टल चलाने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया और 20 बच्चों के छुड़ाया गया। इस संबंध में डिप्टी कमिश्नर रोहित खजुरिया ने कहा कि बच्चों ने हमें बताया कि वे हमे गालियां देते थे और बुरा व्यवहार करते थे।

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हमारे अधिकारियों ने बच्चों को होस्टल से निकालकर नारी निकेतन और बाल आश्रम में रखा गया है। उनमें आठ लड़कियां और 12 लड़के शामिल हैं। 

जम्‍मू कश्‍मीर के कठुआ शहर के बीचों बीच पारलीवंड इलाके में चर्च के नाम पर बने अवैध हॉस्टल में नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने में आया है। शुक्रवार शाम पांच बजे के लगभग प्रशासनिक और पुलिस टीम ने बस अड्डे के नजदीक एक इमारत में छापा मारा। लगभग दो घंटे तक चले तलाशी अभियान और बच्चों से पूछताछ के बाद के बाद पादरी एंथनी को हिरासत में लिया गया है। प्रशासन ने बच्चों के परिजनों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है।

कुछ कमरों में चल रहे इस हास्टल में एक हॉल भी है, जिसे पादरी चर्च बता रहा है। इस हॉल में प्रार्थना होती थी। अन्य ईसाई भी यहां आते थे। पादरी एंथनी के रल का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी साथ रहती थी। यह हॉस्टल पिछले चार साल से चल रहा था। बच्चे पारलीवंड के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं और यहां हास्टल में रहते थे। उनका खाना, पीना, रहना सब मुफ्त था।

छापे के बाद 7 से 16 वर्ष की आठ बच्चियों और 12 लड़कों को बाल आश्रम और नारी निकेतन शिफ्ट कर दिया गया है। बच्चों ने पादरी पर उनका यौन शोषण करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। ये सभी बच्चे गरीब परिवारों के हैं और पंजाब, हिमाचल और जम्मू कश्मीर के विभिन्न इलाकों से कठुआ की इस इमारत में रह रहे थे।

जिला उपायुक्त रोहित खजूरिया ने बताया मामला संज्ञान में आने के बाद जिला पुलिस प्रमुख से बात कर अधिकारियों की टीम को जांच के लिए भेजा गया था। मामले में जो भी आरोप लगे हैं, उस पर पुलिस कार्रवाई करेगी।

शाम पांच बजे के लगभग जिला उपायुक्त रोहित खजूरिया के निर्देश पर सहायक आयुक्त राजस्व के नेतृत्व में महिला थाना प्रभारी संजीवन ज्योति, बीडीओ सुनिंदर कौर, बीडीओ मुख्यालय श्रुति भारद्वाज, सहायक आयुक्त श्रम सोनम वर्मा और तहसीलदार कठुआ जय सिंह ने पुलिस टीम के साथ दबिश दी। इमारत में दाखिल होने के बाद महिला अधिकारियों ने बच्चों को एक कमरे में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। दूसरी तरफ सहायक आयुक्त राजस्व और तहसीलदार ने इमारत के सभी कमरों को खंगालना शुरू किया। बच्चियों से महिला अधिकारियों ने लगभग आधे घंटे तक बंद कमरे में पूछताछ की। बच्चियां इतनी डरी हुई थीं कि उन्होंने महिला अधिकारियों से कहा कि हमें किसी भी हाल में यहां से निकालो।

 पुलिस ने एक आदमी को गिरफ्तार कर लिया और कल कथुआ में उनके द्वारा चलाए गए छात्रावास से 20 बच्चों को बचाया। उप आयुक्त रोहित खजुरिया कहते हैं, 'बच्चों ने हमें बताया कि उनका दुरुपयोग और दुर्व्यवहार किया गया है। हमारे अधिकारियों ने उन्हें बचाया और उन्हें नारी निकेतन और बाल आश्रम में लाया। 8 लड़कियां और 12 लड़के थे 


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