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जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने जिला अदालतों में भर्तियों के लिए दी अधिसूचना वापस ली

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने जिला अदालत के रिक्त पदों को भरने के लिए अधिसूचना वापस ले ली।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 01 Jan 2020 01:11 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 01:11 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने जिला अदालतों में भर्तियों के लिए दी अधिसूचना वापस ली
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने जिला अदालतों में भर्तियों के लिए दी अधिसूचना वापस ली

जम्‍मू, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय आधार पर जिला अदालत के रिक्त पदों को भरने के लिए अधिसूचना वापस ले ली है। जम्मू-कश्मीर की जिला अदालतों की नौकरियों के लिये देशभर से आवेदन मांगे जाने पर विवाद मचा हुआ था। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के महापंजीयक ने कहा सभी संबंधित लोगों की जानकारी के लिए यह अधिसूचित किया जाता है कि 26 दिसंबर 2019 के विज्ञापन नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है, जिसमें जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में गैर राजपत्रित श्रेणी में अलग-अलग पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे।

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जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जिला अदालतों में 33 गैर राजपत्रित पदों को भरने के लिए दी विज्ञापन अधिसूचना वापस ले ली है। सरकारी नौकरी से संबंधित विज्ञापन को लेकर स्थानीय दलों ने आपत्ति जताई थी। खासकर विपक्षी दलों ने पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सभी भारतीयों से आवेदन मंगाए जाने का कड़ा विरोध किया था।जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के महापंजीयक संजय धार ने 26 दिसंबर 2019 को रिक्तियों को भरने के लिए विज्ञापन दिया था। इसमें आवेदन भरने की आखिरी तारीख 31 जनवरी 2020 दी गई थी।

सरकारी नौकरियों में स्थानीयों के लिए आरक्षण की मांग

अधिसूचना वापस लेने की कोई वजह नहीं बताई गई है लेकिन विभिन्न विपक्षी दलों के मुखर प्रदर्शन के बाद यह कदम उठाया गया है। नैशनल कॉन्फ्रेंस, जेकेएनपीपी और वाम दलों समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने जम्मू कश्मीर में सरकारी नौकरियों में स्थानीयों के लिए आरक्षण की मांग की है। स्थानीय लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में नौकरियों के मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने मंगलवार को कहा,‘सरकार को विभिन्न सुझाव मिले हैं और इनका अध्ययन किया जा रहा है।’

जानकारी हो कि जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जिला अदालतों में रिक्त 33 पदों को भरने के लिये देशभर से आवेदन आमंत्रित किये थे, जिसपर विवाद खड़ा हो गया था। विपक्षी दलों ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म होने के बाद इन दोनों केन्द्र प्रशासित क्षेत्रों के रोजगार के अवसरों को सभी भारतीयों के लिये खोलने पर कड़ी आपत्ति जतायी थी। उच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जिला अदालतों में जिन 33 गैर राजपत्रित अधिकारी पदों के लिये देशभर के योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे। उनमें वरिष्ठ तथा कनिष्ठ स्तर के आशुलिपिक (स्टेनोग्राफर), टंकक (टाइपिस्ट), कंपोजिटर , बिजली मिस्त्री तथा चालकों के पद शामिल थी। रिक्तियों को भरने के लिये जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के महा पंजीयक संजय धर की ओर से 26 दिसंबर को जारी विज्ञापन में आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2020 दी गई थी।

अदालत की इस अधिसूचना के बाद नेशनल कांफ्रेंस, जेकेएनपीपी और विभिन्न वाम दलों समेत विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सरकारी नौकरियों में स्थानीय निवासियों को आरक्षण देने की मांग की थी। 


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