जैश कश्मीर में फिर पुलवामा दोहराने की रच रहा है साजिश, हम पूरी तरह सतर्कः डीजीपी दिलबाग सिंह
पाकिस्तान की हरेक नापाक हरकत पर नजर रखी जा रही है। आपसी समन्वय का ही प्रभाव है कि कश्मीर में आए दिन सुरक्षाकर्मी मुठभेड़ में आतंकवादियों को ढेर कर रहे हैं।
जम्मू, जेएनएन। हमारे पास रिपोर्ट है कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) फिर से घाटी में पुलवामा फिदायीन हमला दोहराने की साजिश रच रहा है। उसने आइईडी तैयार कर ली है और अब वह इस पर अमलीजामा पहनाने की योजना बना रहा है। हम पूरी तरह से सतर्क हैं। जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और अर्द्धसैनिक बल पूरी मुस्तैदी के साथ डटे हुए हैं। आतंकवादी संगठनों की हर साजिश को नाकाम किया जाएगा।
यह बात जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने घाटी में पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने पहले ही इस बारे में सतर्क कर दिया है। यह भी जानकारी मिली है कि सैकड़ों आतंकवादी गुलाम कश्मीर में स्थित लॉन्चिंग पैड पर भारतीय सीमाओं में घुसपैठ करने की फिराक में है। इनकी संख्या भी 300 से अधिक बताई जा रही है। पाकिस्तानी सेना आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के इरादे से ही नौशेहरा, राजौरी-पुंछ और कुपवाड़ा-केरन सेक्टरों में आए दिन सीजफायर का उल्लंघन कर रही है।
इन लॉन्चिंग पैड से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को कश्मीर भेजने की कोशिश की जा रही है। हमारे सीमा पर तैनात जवान और भीतर काम कर रही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और आपसी समन्वय में काम कर रहे हैं। पाकिस्तान की हरेक नापाक हरकत पर नजर रखी जा रही है। आपसी समन्वय का ही प्रभाव है कि कश्मीर में आए दिन सुरक्षाकर्मी मुठभेड़ में आतंकवादियों को ढेर कर रहे हैं।
कश्मीर में एक साल में छह टॉप कमांडरों समेत 108 आतंकी ढेर
कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों ने पिछले एक साल के दौरान विभिन्न आतंकी संगठनों के छह टॉप कमांडरों समेत करीब 108 आतंकी मार गिराए गए हैं। अभी भी घाटी में 100 से 200 आतंकवादी सक्रिय हैं। आइजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने बताया कि मारे गए टॉप कमांडर हिजबुल-मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवातुल हिंद संगठन से थे। उनमें रियाज नाइकू, अब्दुल रहमान उर्फ फौजी भाई, जुबैर, कारी यासिर, जुनैद सेहरी, बुरहान कोका, हैदर और तैयब वालिद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद अब अंतिम सांस ले रहा है। यहां आतंकवादियों का सफाया करने के बाद हम उत्तर कश्मीर की ओर रूख करेंगे। कश्मीर के लोग भी अब इस बदलाव से खुश हैं और वे भी आतंकवाद को नापसंद कर रहे हैं।