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जेईई मेंस में सफल विद्यार्थियों के सपनों को लगे पंख

देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिग कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए आयोजित जेईई मेंस की परीक्षा में जम्मू के भी सितारे चमके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 07:39 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 07:39 AM (IST)
जेईई मेंस में सफल विद्यार्थियों के सपनों को लगे पंख
जेईई मेंस में सफल विद्यार्थियों के सपनों को लगे पंख

जागरण संवाददाता, जम्मू : देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिग कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए आयोजित जेईई मेंस की परीक्षा में जम्मू के भी सितारे चमके हैं। कड़ी मेहनत से तैयारी कर परीक्षा देने वाले जम्मू के होनहारों के सपनों को पंख लग गए हैं और अब वे अपने भविष्य की लंबी उड़ान को भरने के लिए तैयार हैं।

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जेईई मेंस की परीक्षा में जम्मू कश्मीर के टॉपर की सूची में जम्मू के भी कई विद्यार्थियों के नाम आए हैं। जैसे ही उनको परीक्षा में सफल होने का पता चला, उनके घर बधाई देने के लिए लोगों के फोन आने लगे। दोस्तों ने संदेश भेजकर बधाई दी। सोशल साइट पर भी बधाई देने का सिलसिला चल पड़ा। पास हुए विद्यार्थियों के घरों में दिनभर जश्न का माहौल बना रहा। इनमें से कई ऐसे विद्यार्थी हैं जिन्हें बचपन से ही नए-नए वैज्ञानिक शोध पसंद थे। अब वे अपने मनपसंद कॉलेजों में दाखिला लेकर अपने सपने साकार करना चाहते हैं। ज्यादा सफल विद्यार्थियों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बेहतर समय प्रबंधन अपनाने की सलाह दी है। ------

2664 रैंकिग हासिल करने वाले आर्यन ने बहन को बताया प्रेरणास्रोत छन्नी हिम्मत के रहने वाले केसी पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी आर्यन गुप्ता की आल इंडिया में 2664 रैंकिग आई है। आर्यन ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी कोचिंग के शिक्षकों को दिया है। आर्यन का कहना है कि उसे इंजीनियरिग करने की प्रेरणा अपनी बहन से मिली, जिसने इंजीनियरिग करने के बाद जम्मू यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। आर्यन आइआइटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिग करना चाहता है। आइआइटी कानपुर में प्रवेश पाने का रवनीश का है सपना

रवनीश जंडियाल ने जेईई मेंस की परीक्षा में आल इंडिया में 3369वीं रैकिग हासिल की है। रवनीश अब आइआइटी कानपुर में दाखिला लेना चाहता है। रवनीश की स्कूली शिक्षा सांबा के केपी हायर सेकेंडरी से हुई है। रवनीश के पिता म्यूनिसिपल कमेटी बड़ी ब्राह्मणा में एसओ हैं। रवनीश का कहना है कि उसके दो चचेरे भाई भी आइआइटी से इंजीनियरिग कर चुके हैं और वे उनसे ही प्रेरित हैं। अच्छा रैंक रहा तो कंप्यूटर इंजीनियरिग करेंगे लद्दाख के परवेज मेहदी ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी अभिभावकों और आकाश इंस्टीट्यूट के अध्यापकों को दिया। मेहदी इस समय जेईई एडवांस की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि आगे अगर रैंक अच्छा रहा तो वह कंप्यूटर इंजीनियरिग करना चाहेंगे। कंप्यूटर इंजीनियरिग बनने का ख्वाब 98.88 प्रसेंटाइल अंक प्राप्त करने वाले सुधांशु वर्मा का कहना है कि कोविड-19 के चलते एकाग्रता भंग हुई है। फिर भी अभिभावकों और अध्यापकों के मार्गदर्शन के चलते सफलता मिली है। अभी जेईई एडवांस के लिए ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। कोशिश है कि कंप्यूटर इंजीनियरिग या इंलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक करूं। मैकेनिकल इंजीनियरिग करने का लक्ष्य गांव कुलियां के स्टीफन इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल से पढ़ाई कर 97.56 प्रसेंटाइल अंक अर्जित करने वाले सुखवीर सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय अपने अध्यापकों को दिया। उसने कहा कि वह इन दिनों जेईई एडवांस की तैयारी कर रहा है और मैकेनिकल इंजीनियरिग करने का लक्ष्य है। सिविल इंजीनियर बनने का इरादा ऊधमपुर के आर्यन शर्मा का कहना है कि स्कूलिग का बड़ा असर रहता है। उनकी स्कूलिग केंद्रीय विद्यालय से हुई है। उसके बाद आकाश इंस्टीट्यूट से कोचिग प्राप्त की। ज्यादा चीजें अपनी मेहनत पर निर्भर करती हैं। शुरू से ही एक लक्ष्य के साथ पढ़ाई की। मार्गदर्शन अच्छा मिलता रहा। इन दिनों जेईई एडवांस की तैयारी चल रही है। आगे सिविल इंजीनियरिग करने का इरादा है।


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