राजू के कविता संग्रह ‘तवी उदास थी’ का विमोचन, संग्रह से झलकी तवी की उदासीनता
राजेश्वर सिंह राजू विगत 30 वर्षों से साहित्य साधना में लगे हुए हैं। आरंभिक दौर में उन्होंने अंग्रेजी भाषा में लिखने से शुरुआत की। फिर राष्ट्रभाषा हिंदी में लिखने के साथ-साथ अपनी मातृभाषा डोगरी में भी लिखने को प्राथमिकता देने लगे ।
जम्मू, जागरण संवाददाता: सुप्रसिद्ध कहानीकार, नाटककार कवि तथा स्तंभकार राजेश्वर सिंह राजू का नया कविता संग्रह ’तवी उदास थी’ अब अमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध है। नोशंस पब्लिकेशंस द्वारा प्रकाशित इस कविता संग्रह को अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के माध्यम से रिलीज किया गया।
कवि ने इस संग्रह के माध्यम से सूर्य पुत्री तवी नदी के प्रति विशेषकर हम जम्मू वासियों की उदासीनता को प्रकट किया है। वहीं तवी उदास थी वास्तव में ऐसी कविताओं का संग्रह है। जो जिंदगी के हर पहलू को छूती हैं। जहां एक तरफ प्रेम, त्याग और मानवीय संवेदनाओं को सर्वोपरि रखकर कविताओं की रचना की गई है। वहीं हर आयु वर्ग के पाठक की पसंद का भी इसमें ख्याल रखा गया है।
यह कविताएं कुछ शब्दों में ही बहुत कुछ बयान कर पाने में सक्षम हैं। इन्हें पढ़ कर ना केवल आनंद की अनुभूति होती है बल्कि कुछ सोचने के लिए भी यह विवश करती हैं। अधिकांश कविताएं छंद मुक्त हैं और तथ्य तथा तत्व पर विशेष ध्यान देकर रची गई हैं। राजेश्वर सिंह राजू का कहना है कि पाठकों के लिए यह 51 कविताओं का संग्रह एक सुखद अनुभव रहेगा।
यह उल्लेखनीय है कि राजेश्वर सिंह राजू विगत 30 वर्षों से साहित्य साधना में लगे हुए हैं। आरंभिक दौर में उन्होंने अंग्रेजी भाषा में लिखने से शुरुआत की। फिर राष्ट्रभाषा हिंदी में लिखने के साथ-साथ अपनी मातृभाषा डोगरी में भी लिखने को प्राथमिकता देने लगे ।
इनकी लिखी हुई रचनाएं ना केवल क्षेत्रीय बल्कि जम्मू से बाहर भी प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित हो रही हैं । इन के अभी तक लगभग 700 लेख,100 कहानियां तथा 150 कविताएं अलग-अलग पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने लगभग 15 रंगमंच नाटक भी लिखे जिन्हें प्रसिद्ध रंगमंच संस्थाओं ने मंचित किया ।
इनके लिखे हुए लगभग 35 नाटक और 05 सीरियल आकाशवाणी जम्मू से प्रसारित हो चुके हैं। इसके साथ ही लगभग 20 नाटक, 10 सीरियल और 100 से भी ऊपर वृत्त चित्र दूरदर्शन केंद्र जम्मू, दूरदर्शन केंद्र, श्रीनगर तथा डीडी कशिर से प्रसारित हो चुके हैं।
अभी तक इनकी लिखी हुई 8 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें पांच डोगरी भाषा में है तथा 03 हिंदी भाषा में है । 8 पुस्तकों में से 2 कविता संग्रह हैं तथा शेष पांच किताबें कहानी संग्रह हैं।
राजेश्वर सिंह राजू के अनुसार ‘तवी उदास थी’ कविता संग्रह साहित्य प्रेमियों को सुखद अनुभूति देने के साथ-साथ उन्हें कुछ सोचने पर भी मजबूर करेगा कि समाज, विश्व और मानवता के प्रति उनके क्या कर्तव्य हैं, क्यों ना वक्त रहते ही वो कर्तव्य पूरे करके एक अच्छे समाज की कल्पना को सार्थक बनाया जाए और विशेषकर तवी नदी का हमारे जीवन में जो महत्व है। उसे स्वीकार करके उसे बचाने के अनथक प्रयास किए जाएं।