नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का रोडमैप तैयार करने की पहल कर रहा है जम्मू विवि, कांफ्रेंस 21 सितंबर को होगी
कौशल विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। ऐसे कोर्स शुरु करने के लिए कहा गया है जो रोजगार उपलब्ध करवाने में मददगार साबित हों।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर रोडमैप तैयार करने की पहल में जुटा जम्मू विश्वविद्यालय 21 सितंबर में कांफ्रेंस का आयोजन करने जा रहा है। जम्मू कश्मीर में अपनी तरह की यह पहली कांफ्रेंस होगी। जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर सिंह आडिटोरियम में होने वाली इस कांफ्रेंस की अध्यक्षता उपराज्यपाल मनोज सिन्हा करेंगे। इसके लिए तैयारियां जोरो पर हैं।
वीसी प्रो. मनोज धर ने कांफ्रेंस को सफल बनाने के लिए एक दर्जन से अधिक कमेटी का गठन किया है। हालांकि कोरोना की रोकथाम के लिए जारी दिशा निर्देशों के तहत कार्यक्रम में एक सौ से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है लेकिन इस कांफ्रेंस में दो सौ से अधिक शिक्षाविद् भाग ले रहे है। इसके लिए जम्मू विवि शारीरिक दूरी समेत सभी तरह के प्रबंध करने के प्रयास कर रहा है। उपराज्यपाल के अलावा कांफ्रेंस में श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. रविंद्र कुमार सिन्हा, उपराज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा, उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त सचिव तलत परवेज रोहेल्ला, शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भाग लेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे।
वीसी प्रो. मनोज धर ने पहले ही कहा है कि हमारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर विचार विमर्श चल रहा है। हम चाहते है कि नई शिक्षा नीति का रोडमैप तैयार करने के लिए जम्मू विश्वविद्यालय अग्रणी बने। उपराज्यपाल यह कह चुके है कि हमें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करते यह ध्यान रखना है कि इसे जम्मू कश्मीर केंद्रित बनाया जाए। हमें अपने केंद्र शासित प्रदेश में शिक्षा के मौजूदा हालात को मद्देनजर रखकर ही रोडमैप तैयार करना होगा।
जम्मू-कश्मीर में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को लेकर अपनी ही समस्याएं है। हमें हर पहलू को ध्यान में रखना ही होगा। हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर देश के राज्यपालों की कांफ्रेंस हो चुकी है जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भाग लेते हुए अपने सुझाव दिए है। इसमें कौशल विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। ऐसे कोर्स शुरु करने के लिए कहा गया है जो रोजगार उपलब्ध करवाने में मददगार साबित हों।