Move to Jagran APP

Smart City Jammu : 13 वर्ष से फाइलों में घूम रहा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, कैसे सुधरेगी स्वच्छता रैंकिंग

Smart City Jammu मंदिरों का शहर जम्मू तब तक स्मार्ट सिटी नहीं बन सकता जब तक यहां सीवरेज सिस्टम विकसित नहीं किया जाएगा। जम्मू पश्चिम के कुछ क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए तो बाकी शहर में कहीं भी सीवरेज व्यवस्था नहीं है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 09:15 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 09:15 AM (IST)
Smart City Jammu : 13 वर्ष से फाइलों में घूम रहा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, कैसे सुधरेगी स्वच्छता रैंकिंग
प्रोजेक्ट राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ भारत (नैफेड) बनाएगा।

जम्मू, जागरण संवाददाता: स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार पिछड़ रहे जम्मू शहर का सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट 13 साल से फाइलों में घूम रहा है। ऐसे में सालिड वेस्ट यानी ठोस कचरे का प्रबंधन करने में नगर निगम सफल नहीं हो पाया है। वह कचरे का निस्तारण करने के लिए अवैज्ञानिक तरीके ही अपना रहा है।

prime article banner

नगर निगम की ओर से शहर के बाहरी इलाके कोट भलवाल के कालागाम में इस प्रोजेक्ट को शुरू करने की तैयारी की गई थी। 350 मीट्रिक टन क्षमता वाले इस प्रोजेक्ट के लिए कालागाम में 156 कनाल जमीन भी निगम को सौंपी जा चुकी है, लेकिन वहां पर लोगों के विरोध के चलते निगम अपने कदम ही आगे नहीं बढ़ा पा रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी इस प्रोजेक्ट को जल्द शुरू पूरा करने के निर्देश दिए थे। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 74.41 करोड़ रुपये है। इसे पूरा करने के लिए उपराज्यपाल ने निगम को दो वर्ष का समय दिया है। प्रोजेक्ट राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ भारत (नैफेड) बनाएगा। नैफेड भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन एक अहम संगठन है। इसे जैव कचरे के प्रबंधन में पर्याप्त अनुभव है।

प्रोजेक्ट से ही होगा पर्यावरण संरक्षण : 189.43 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले शहर के 75 वार्डों से निकलने वाले कचरे के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण के प्रबंध नहीं होने का ही नतीजा है कि शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले पहले सौ शहरों में भी नहीं आ पा रहा। स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में जम्मू शहर 169वें स्थान पर रहा। वहीं 2020 में शहर 224वें स्थान पर था। वर्ष 2019 में शहर इस सर्वेक्षण में 329वें नंबर पर रहा था। अगर जम्मू शहर को स्वच्छता में टाप के शहरों पर लाना है तो सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट जल्द पूरा करना होगा।

एक ही सीवरेज ट्रीटमेंट के सहारे है जम्मू शहर : जम्मू शहर घरों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ कर उसे नदी नालों में छोडऩे में भी काफी पिछड़ा हुआ है। 75 वार्डों वाले इस शहर में मात्र एक ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जो भगवती नगर में लगा है। वह प्लांट भी शहर से निकलने वाले गंदे पानी का मात्र पांच प्रतिशत ही पानी ट्रीट कर सकता है, जबकि 90 प्रतिशत से अधिक गंदा पानी सीधा ही सूर्य पुत्री तवी व दूसरे नालों में जा रहा है, जो गंदगी का पर्याय बन रहा है। पुराने जम्मू शहर का सारा प्रदूषित पानी सीधे तवी नदी में जाता है, जबकि कैनाल रोड, तालाब तिल्लो, शक्ति नगर, सुभाष नगर, रिहाड़ी कालोनी, न्यू प्लाट, जानीपुर आदि इलाकों का पानी भी नालों से होते हुए तवी नदी में जा रहा है।

शहर का 98 प्रतिशत हिस्सा सीवरेज से नहीं जुड़ पाया : मंदिरों का शहर जम्मू तब तक स्मार्ट सिटी नहीं बन सकता, जब तक यहां सीवरेज सिस्टम विकसित नहीं किया जाएगा। जम्मू पश्चिम के कुछ क्षेत्रों को छोड़ दिया जाए तो बाकी शहर में कहीं भी सीवरेज व्यवस्था नहीं है। पुराने जम्मू शहर के अधिकतर घरों में सीवरेज टैंक ही नहीं हैं। शौचालयों और रसोई की निकासी सीधे नालियों में है, जिसमें मलमूत्र नालियों से होते हुए तवी में जाता है। शहर में ऐसे घरों से निकलने वाले गंदगी पानी को नालियों में सीधे बहने से रोकने के लिए सीवरेज व्यवस्था का होना बहुत अनिवार्य है।

इन मुहल्लों में डाली गई सीवरेज पाइप, पर कनेक्शन नहीं : जम्मू शहर के मस्तगढ़, पीरखोह, पीर मिट्ठा, पुरानी मंडी गली, पंजतीर्थी, टांगे वाली गली, अफगाना मुहल्ला, दीवाना मंदिर, पक्का डंगा, फत्तू चौगान, खिलौने वाली गली, सहगल गली, पक्का डंगा इलाकों में सीवरेज लाइन बिछा दी गई है, लेकिन नगर निगम ने अब तक कनेक्शन नहीं दिए हैं। ऐसे में इन इलाकों के लोगों को सीवरेज की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह समझ से परे है कि निगम कनेक्शन देने में क्यों इतनी देरी कर रहा है।

इन मुहल्लों में सीवरेज की पाइप नहीं डाली गई : जुलाका मुहल्ला, सपना साड़ी सेंटर से पीर बाबा तक गली, चमन टीस्टाल वाली गली, छोटा शिव मंदिर गली, पक्की ढक्की क्षेत्र की कुछ गली, जैन मुहल्ले का कुछ क्षेत्र, बाबा लाल जी वाली गली समेत कई मुहल्ले हैं, जिनमें नगर निगम ने अब तक सीवरेज की पाइप लाइन नहीं बिछाई है। यहां काम कब शुरू होगा, यह भी नहीं बताया जा रहा है। क्षेत्र के लोगों ने कई बार इस मामले में निगम के अधिकारियों से फरियाद भी की है, लेकिन कुछ नहीं किया जा रहा।

  • लोगों के घरों से निकलने वाले प्रदूषित पानी को स्वच्छ करने के लिए दो वर्ष के अंदर जम्मू में एक और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा। यह प्लांट प्रतिदिन चार मिलियन लीटर प्रदूषित पानी को स्वच्छ करेगा। इस ट्रीटमेंट प्लांट के बनने में 51.67 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए 16.49 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। इस प्लांट से नरवाला बाला, राजीव नगर, सब्जी मंडी, बाहु, गोरखा नगर, राजीव बस्ती, कालिका कालोनी, शेख नगर, बिक्रम चौक आदि इलाकों से निकलने वाले पानी का स्वच्छ किया जाएगा। - चंद्रमोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू

...ताकि हमारी मंडी रहे साफ-सुथरी

  • अपने शहर को स्वच्छ रखना हर शहरवासी का दायित्व है। हम जिस तरह अपने घर-आंगन को साफ-सुथरा रखते हैं, उसी तरह हमें अपने मुहल्ले व शहर को भी साफ-सुथरा रखना है। इसके लिए जरूरी है कि हम सब मिलकर नगर निगम के प्रयासों का हिस्सा बनें। अपने घर-दुकान का कूड़ा-करकट खुले में फेंकने की बजाय डस्टबिन में डालें और जिन क्षेत्रों में नगर निगम की गाडिय़ां कूड़ा एकत्रित करने आती हैं, वहां सूखा-गीला कूड़ा अलग-अलग करके गाड़ी में डालें। जहां यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है, वहां कूड़ा कूड़ेदान में ही डालें। हम समय-समय पर अपनी मंडी के दुकानदारों को इसके प्रति जागरूक करते हैं, ताकि हमारी मंडी साफ-सुथरी रहे। हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तभी हमारा शहर स्वच्छ बन पाएगा। -मुनीष महाजन, उपाध्यक्ष ट्रेडर्स फेडरेशन वेयर हाउस-नेहरू मार्केट 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.