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Lockdown Effect: लाॅकडाउन में हुई मौतों की जांच के बजाय पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में पुलिस

जम्मू विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञान विभाग के प्रो. चंद्र शेखरने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण लोग आर्थिक मंदी ङोल रहे हैं। इससे लोग मनोवैज्ञानिक दवाब में हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 03:22 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 03:22 PM (IST)
Lockdown Effect: लाॅकडाउन में हुई मौतों की जांच के बजाय पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में पुलिस
Lockdown Effect: लाॅकडाउन में हुई मौतों की जांच के बजाय पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में पुलिस

जम्मू, अवधेश चौहान। लॉकडाउन के बीच सीमावर्ती इलाकों में महिला उत्पीड़न के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। 24 मार्च से जारी लॉकडाउन में सीमावर्ती इलाकों में सात महिलाओं की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई, लेकिन मौत के रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है। पुलिस दावा कर रही है कि मामलों की जांच की जा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि पुलिस मामले की तह तक जाने के बजाय, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। रिपोर्ट आने में 5 से 6 महीने लग सकते हैं, ऐसे में महिलाओं को कब न्याय मिलेगा, इस बारे में पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है।

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मौजूदा समय में पुलिस का पूरा ध्यान कोरोना से निपटने में लग रहा है। जबकि कुछ लोग संगठित अपराध को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान आर्थिक तंगी कारण भी कई परिवारों में कलह बढ़ा है। 

महिला उत्पीड़न पर पुलिस गंभीर नहीं: समाज कल्याण विभाग की वूमेन हेल्पलाइन की प्रबंधक पूर्णिमा धर ने आरोप लगाया कि पुलिस संगीन मामलों में गंभीरता नहीं दिखा रही है। इसके चलते महिला उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं। महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर कोई महिला फोन करे तो उसे महिला को न्याय अवश्य मिलेगा।

कब और कहां हुई मौतें

  • 22 अप्रैल : निर्मलजीत कौर (22) पत्नी सतनाम सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में जहर निगलने से मौत हो गई। उसका विवाह कुछ साल पहले ही हुआ था। बचपन में ही माता पिता की मौत के बाद निर्मलजीत अपने नाना-नानी के पास रहती थी। ननिहाल पक्ष ने ने निर्मलजीत की हत्या का आरोप ससुराल वालों पर लगाया था।
  • 23 अप्रैल : मीरां साहिब कस्बे के साथ लगते गांव बन सुल्तान में बहेश्वरी देवी (21) ने अपने चाचा के घर पर रहस्यम परिस्थितियों में जहर निगल लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। बहेश्वरी मूलत: गांव मूला चक्क की रहने वाली थी। पुलिस की जांच पोस्टमार्टम पर टिकी हुई है।
  • 01 मई : रामगढ़ की रहने वाली अंचल देवी (18) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। घरवालों का कहना है कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई। पुलिस ने शव का भी पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया।
  • 04 मई : आरएसपुरा के चकरोई इलाके में 4 मई को नीलम कुमारी नामक महिला ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा ली थी, जिससे झुलस कर उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया। रिपोर्ट के इंतजार में जांच रुकी है।
  • 05 मई : रामगढ़ के करालिया में सीमा देवी (36) की संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ निगलने से मौत हो गई। पुलिस की जांच केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हुई है।
  • 05 मई : बिश्नाह के गांव पचेल में संसारों देवी (90) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाया, अभी रिपोर्ट आना शेष है।
  • 07 मई : प्लांवाला कस्बे की रहने वाली ज्योति देवी (18) की संदिग्ध परिस्थितियों में जहरीला पदार्थ निगलने से मौत हो गई। मौत पर रहस्य बना हुआ है।

आर्थिक मंदी भी तनाव का कारण: जम्मू विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञान विभाग के प्रो. चंद्र शेखरने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण लोग आर्थिक मंदी ङोल रहे हैं। इससे लोग मनोवैज्ञानिक दवाब में हैं। लॉकडाउन में यह समस्या सता रही है। दो कमरे के मकान में अगर चार सदस्य रह रहे हो होंगे तो गुस्सा लाजिमी है। जरूरी है तनाव के बजाय बुद्धिमता से काम लें। यह वक्त हमेशा नहीं रहेगा। अच्छे दिन आएंगे।

  • संदिग्ध मौत के मामालों की समीक्षा की जाएगी। अगर इन मामलों में कोई शिकायतकर्ता सामने आए तो ज्यादा बेहतर होगा। जल्द जांच पूरी करने की कोशिश की जाएगी। -मुकेश सिंह, आइजी, जम्मू 

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