जम्मू : बिना मास्क घूम रहे 1000 लोगों के काटे चालान, 10 दिन में 10 हजार चालान काटे
एसएसपी ने कहा कि इस माह में पुलिस ने दस हजार के करीब लोगों के चालान काटे है। एक संक्रमित व्यक्ति कई लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। चालान काटने के अलावा पुलिस कर्मी वाहनों में घूम यह घोषणा कर मास्क पहनने के प्रति जागरूक कर रहे है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : शहर की सड़कों पर बिना मास्क के घूम रहे लोगों पर कार्रवाई करते हुए जम्मू पुलिस ने मंगलवार को एक हजार के करीब लोगों के मौके पर ही चालान काटे। इन लोगों को चेतावनी दी गई यदि भविष्य में वह बिना मास्क के घूमते पाए गए तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एसएसपी जम्मू चंदन कोहली ने बताया कि सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए है कि वह अपने इलाके में घूम कर उन लोगों पर कार्रवाई करते को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बिना गए नियमों का पालन नहीं कर रहे। उन्होंने लोगों को भी कोरोना नियमों का पालन करने को कहा ताकि वह स्वयं भी इस महामारी से बच पाए और अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सके।
एसएसपी ने कहा कि इस माह में पुलिस ने दस हजार के करीब लोगों के चालान काटे है। एक संक्रमित व्यक्ति कई लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। चालान काटने के अलावा पुलिस कर्मी वाहनों में घूम यह घोषणा कर मास्क पहनने के प्रति जागरूक कर रहे है। बाजारों में हो रहे औचक कोरोना जांच के दौरान भी पुलिस कर्मी स्वास्थ्य विभाग को पूरा सहयोग दे रहे है।
नेशनल कांफ्रेंस के संभागीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कहा कि कोविड़ की पिछली लहर से सबक लेते हुए जम्मू संभाग के दस गैर जीएमसी जिलों में से छह में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाना चाहिए।शेर-ए-कश्मीर भवन से जारी एक बयान में रतन लाल गुप्ता ने अनुबंध के आधार पर नियुक्त स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को स्थायी रूप से तैनात करने के अलावा डाक्टरों के लगभग 1000 और पैरा-मेडिकल स्टाफ के 5000 पदों को भरने की भी मांग की। जिनके तीन महीने कार्यकाल कल समाप्त हो गया। इस स्तर पर उन्हें निराश नहीं किया जा सकता है।
खासकर महामारी से लड़ने में सक्रिय भागीदारी की जरूरत है।प्रांतीय अध्यक्ष ने तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए दवाओं, चिकित्सा गैस और अन्य पूर्वापेक्षाओं के भंडारण की मांग की। उम्मीद है कि प्रशासन के पास उन क्षेत्रों में अच्छी तरह से सुसज्जित और ऑक्सीजन युक्त बिस्तर होंगे। जिनमें अस्पतालों में बिस्तरों की पर्याप्त सुविधा नहीं है।