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कचरे से आजादी: यहां-वहां ने फेंक होगा बुरा हाल, गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल

जम्मू नगर निगम के हेल्थ आफिसर डा. शमीम मीर का कहना है कि शहर के करीब 60 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा जमा करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। अच्छा रिस्पांस भी मिला है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 15 Aug 2020 04:51 PM (IST)Updated: Sat, 15 Aug 2020 04:51 PM (IST)
कचरे से आजादी: यहां-वहां ने फेंक होगा बुरा हाल, गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल
कचरे से आजादी: यहां-वहां ने फेंक होगा बुरा हाल, गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल

जम्मू, अंचल सिंह: ‘देख-देख-देख तू यहां वहां न फेंक, देख फैलेगी बीमारी होगा सबका बुरा हाल, गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल....’ गाने के साथ शुरू हो रही स्वच्छता की कदमताल मंदिरों के शहर जम्मू को एक दिन स्वच्छता सर्वेक्षण में टाॅप-10 में ला खड़ा करेगी। आधे शहर में लोग इस गाने को सुनते ही कचरे को हाथों में लिए गेटों पर पहुंच जाते हैं। गलियों, नालियों, खुले स्थानों पर कचरा फेंकने के बजाय इसे जम्मू नगर निगम के इस आटो वाले को सौंपते हैं जो स्वच्छता की अलख जगा रहा होता है।

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जम्मू नगर निगम ने शहर के करीब 58 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा जमा करने की व्यवस्था बनाई है। इसी कड़ी में निगम ने हर वार्ड में एक-दो आटो लगाए हैं जो रोजाना सुबह गली-गली पहुंचते हैं। इन आटो में लाउड स्पीकर लगाए गए हैं जिनमें गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल गाने को बजाया जाता है। जहां-जहां से यह आटो गुजरता है, वहां लोगों को पता चल जाता है कि अब उन्हें आटो में कचरा डालने जाना है। नतीजतन गलियों, नालियों में अब कचरे के ढेर लगना बंद होने लगे हैं। हालांकि अभी जम्मू शहर के सभी 75 वार्डाें में इस व्यवस्था को लागू कर पाने में नगर निगम सफल नहीं हुआ है लेकिन धीरे-धीरे इस दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। रोजाना करीब 150 मीट्रिक टन कचरा ऐसे ही शहर के विभिन्न वार्डों से उठाया जा रहा है। स्वच्छ जम्मू बनाने में यह तरीकाकार सभी को अच्छा लग रहा है। लोग भी इसकी सराहना कर रहे हैं। लोगों को कचरा देने की एवज में प्रति माह सौ रुपये यूजर चार्ज के रूप में देने पड़ रहे हैं।

150 आटो में बज रहा गाना: नगर निगम ने करीब 150 आटाे में इन गानों को बजाने की व्यवस्था की है। जब सुबह यह आटो मुहल्लों में कचरा जमा करने के लिए पहुंचते हैं तो गाना बजाना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा आटो में देशभक्ति गीत भी बजाए जाते हैं। मुख्य तौर पर यही गाना बजता है। इतना ही नहीं हर आटो के साथ एक-दो हेल्पर लगाए गए हैं जो स्वयं कचरे को आटो में फेंकने के साथ जहां आटाे नहीं पहुंच पाता, उन गलियों में स्वयं जाकर लोगों को कचरा लाने के लिए भी बोलते हैं।

कोट भलवाल में होता है निस्तारण: यह आटो कचरे को मुख्य कचरा स्थल पर अनलोड करते हैं। फिर यहां से लोडर की मदद से टिप्पर में कचरा भर कर इसे शहर के बाहरी क्षेत्र कोट भलवाल में निगम के डंपिंग साइट तक पहुंचाया जाता है। निगम यहां कुछ कचरे का अलगाव करवाता है। शेष कचरे को फिर जमीन की खोदाई कर दबा दिया जाता है। फिलहाल निगम के पास वैज्ञानिक तरीके से कचरे के निस्तारण की व्यवस्था नहीं है।

  • जम्मू नगर निगम के हेल्थ आफिसर डा. शमीम मीर का कहना है कि शहर के करीब 60 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा जमा करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। अच्छा रिस्पांस भी मिला है। निगम कोशिश कर रहा है कि सभी 75 वार्डों में इस व्यवस्था को बना दिया जाए। चूंकि कुछ नए वार्ड शहर में जोड़े गए हैं तो काफी मुश्किलें भी हैं। फिर भी शहर को साफ-सुथरा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। करीब 2500 सफाई कर्मचारी शहर में जुटे हैं। 

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