Jammu Kashmir Coronavirus: कोरोना जांच में पिछड़ रहा जम्मू, श्रीनगर भेजने पड़ रहे सैंपल
कश्मीर के अस्पतालों में जहां टेस्टिंग के लिए उच्च गुणवता वाली ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रेक्टर मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है। वहीं जीएमसी जम्मू में अभी भी यह मशीनें नहीं आई हैं।
जम्मू, रोहित जंडियाल। कोरोना संक्रमण को मात देने के लिए अधिक से अधिक टेस्ट करने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन जम्मू की कहानी ही कुछ अलग है। पूरे प्रदेश में रोजाना औसतन पांच से आठ हजार टेस्ट हो रहे हैं और इनमें से जम्मू की तीन सरकारी लैब में मात्र डेढ़ हजार। अधिकारियों की आपसी खींचतान, किट वितरण में खामी और मशीनों की कमी के कारण तीन माह बाद भी जम्मू में टेस्ट की दर में खास इजाफा नहीं हो पा रहा है। नतीजा जम्मू रेलवे स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों और सांबा जिले के क्वारंटाइन केंद्रों के सैंपल टेस्ट के लिए श्रीनगर भेजे जा रहे हैं। कठुआ जिले के सैंपल भी जांच के लिए निजी लैब में भेजे जा रहे हैं। एक ओर प्रदेश में 18 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने का लक्ष्य तय किया गया है लेकिन जम्मू को नकार कर यह संभव नहीं है।
तमाम दावों के बावजूद जीएमसी जम्मू के माइक्रोबायालोजी विभाग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसीन (आइआइएम) तथा चेस्ट डिजिजेस अस्पताल जम्मू में मात्र 1500 टेस्ट हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि आइआइएम में बनी लैब को इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से मान्यता मिलने के बावजूद अभी भी पूरी तरह काम नहीं कर पा रही है। इसका कारण पर्याप्त किट नहीं मिलना बताया जा रहा है। आरोप है कि केंद्र सरकार की ओर से जो किट भेजी जा रही हैं, उनका वितरण भी सही नहीं हो पा रहा है। इस पर विवाद चल रहा है। मजबूरी में जम्मू संभाग के सैंपल श्रीनगर भेजे जा रहे हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन पर आने वाले सभी लोगों (800 से 1000) के सैंपल शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस तथा सांबा जिले के टेस्ट जीएमसी श्रीनगर में भेजे जा रहे हैं। कठुआ जिले के सैंपल लालपैथ लैब में भेजे जा रहे हैं। गर्भवती व किडनी मरीजों का टेस्ट अनिवार्य : अगर कोई गर्भवती है या फिर उसे डायलिसेस करवाना है तो इसके लिए कोविड टेस्ट करवाना जरूरी है, लेकिन समय पर टेस्ट न होने के कारण उन्हें भी परेशानी हो रही है। आर्थिक रूप से संपन्न लोग तो निजी लैब में टेस्ट करवा रहे हैं, लेकिन अन्य सरकारी टेस्ट करवाने के लिए ही विवश हैं।
नहीं कर पाए पूरी तैयारीः कश्मीर के अस्पतालों में जहां टेस्टिंग के लिए उच्च गुणवता वाली ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रेक्टर मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है। वहीं, जीएमसी जम्मू में अभी भी यह मशीनें नहीं आई हैं। सूत्रों का कहना है कि अब कोबास-6800 मशीन खरीदी जा रही है। इससे टेस्ट करने की क्षमता बढ़ेगी। केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोविड 19 से निपटने के लिए दो महीने पहले तैयारियां करने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसकी तैयारी जम्?मू में नहीं दिखी। पिछले सत्र से पांच नए मेडिकल कॉलेज खोले गए थे पर वहां भी टेस्टिंग की सुविधा नहीं है। अब तीन महीने बाद इनमें तैयारी शुरू हुई है। जबकि ऊधमपुर में कमांड अस्पताल में भी टेस्ट हो रहे हैं।
कहां गुम हो रहे सैंपल : इस समय जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों से 4 मई के बाद 85 हजार से अधिक लोग बसों और ट्रेनों से आ चुके हैं। इन सभी के सैंपल लिए गए, लेकिन सैंपल के गुम होने की शिकायतें आ रही हैं। आए दिन क्वारंटाइन केंद्रों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बावजूद अधिकारी सैंपल गुम होने पर कुछ नहीं बोले रहे। जब कहीं हंगामा होता है तो उसके सैंपल फिर से लेकर जांच करवा दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग तथा जीएमसी जम्मू के वरिष्ठ डाक्टरों ने स्वीकारा कि सैंपल लेने से लेकर जांच तक की प्रक्रिया में तालमेल का अभाव है। इस कारण ऐसा हो रहा है।
- इस समय जम्मू-कश्मीर में हर दिन साढ़े आठ हजार से अधिक टेस्ट हो रहे हैं। सरकार जल्द ही जम्मू-कश्मीर की सभी लेबोरेटरी में टेस्ट की क्षमता को बढ़ाने के लिए काम कर रही है। जीएमसी जम्मू सहित शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेस व अन्य अस्पतालों में भी टेस्ट की क्षमता बढ़ाई जाएगी। नए मेडिकल कॉलेजों में भी टेस्ट जल्द ही शुरू होंगे। -अटल ढुल्लू, वित्त आयुक्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग
जम्मू के दो छात्रों और शोपियां के एक साल के बच्चे सहित 42 और संक्रमित, 36 ठीक: जम्मू कश्मीर में शुक्रवार को एक साल के बच्चे सहित 42 नए मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। अच्छी बात यह रही कि 36 और मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई। अब तक प्रदेश में 720 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। वहीं 42 नए संक्रमितों में 33 कश्मीर और नौ जम्मू संभाग के हैं। अब तक प्रदेश में 1491 लोग संक्रमित हो चुके हैं और इनमें 749 ही एक्टिव हैं। बीस लोगों की अब तक जम्मू-कश्मीर में कोरोना से मौत हो चुकी है। शुक्रवार को जिन 42 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई, उनमें एक साल के बच्चे सहित 33 कश्मीर संभाग से हैं। वहीं, नौ मरीज जम्मू संभाग से हैं। जम्मू शहर के तालाब तिल्लो और नगरोटा के दो छात्र कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। ये दोनों दूसरे राज्यों से हाल ही में लौटे थे और सिद्दड़ा में बने क्वारंटाइन सेंटर में थे। इनमें चार सांबा जिले, दो राजौरी और एक पुंछ का है। सांबा जिले के चार संक्रमितों में से एक की बेटी पहले से संक्रमित है। एक ट्रक से दिल्ली से आया था, जबकि एक अपने दोस्त के संपर्क में था। वहीं चौथे संक्रमित के सैंपल जम्मू रेलवे स्टेशन पर लिए गए थे। वह मुंबई से आया था। वहीं राजौरी के दो मामलों में एक महिला है। एक मरीज गुडगांव और एक महाराष्ट्र से आया है। दोनों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा रहा है। वहीं, कश्मीर में आए 33 मामलों में से 18 शोपियां, दो अनतंनाग, दो श्रीनगर, तीन बारामुला, तीन कुपवाड़ा, दो पुलवामा, एक कुलगाम, एक बांडीपोरा और एक बड़गाम से है। शोपियां में संक्रमित होने वालों में एक वर्ष का बच्चा और सात महिलाएं हैं। यह सभी पहले से संक्रमित हुए लोगों के संपर्क में आने के कारण संक्रमित हुए हैं।
शोपियां में बेकरी बेचने वाले तीन व एक मीट बेचने वाला संक्रमित: शोपियां में शुक्रवार को जो 16 लोग संक्रमित आए, उनमें तीन बेकरी वाले और एक मीट बेचने वाला शामिल है। रमजान का महीना होने के चलते इस समय बड़ी संख्या में लोग बेकरी की दुकानों पर खरीदारी के लिए आ रहे हैं। मीट की दुकानों में भी ऐसी ही स्थिति है। स्वास्थ्य विभाग उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में जुट गया है। ये रेडजोन है। बेकरी बेचने वाले दोनों गांव पिगलेना के हैं। शोपियां के चटावतन से एक महिला के पाजिटिव आने के बाद गांव से दो दर्जन लोगों के सैंपल लिए गए हैं। एक बेकरी बेचने वाला गांव पलपोरा और मीट बेचने वाला गांव मेमेंढर का है। अन्य पाजिटिव मामलों में एक साल का बच्चा, सात साल का बच्चा, पंद्रह साल का बच्चा, 17 साल का बच्चा और 19 साल का युवक है।