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Jammu Kashmir : ट्राइब्यल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 12 क्षेत्रों में 30 फैलोशिप को मंजूरी दी

Jammu Kashmir मेडिसन व जन स्वास्थ्य के ग्रेजुएट विद्यार्थी जनजाति समुदाय के लोगों के स्वास्थ्य का सर्वे करेंगे। विभिन्न स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे। उनकी फील्ड रिपोर्ट जनजाति स्वास्थ्य योजना को सहयोग देंगे। रिमोट सेंसिंग में जनजाति गांवों की मैपिंग होगी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 07:56 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 07:56 AM (IST)
Jammu Kashmir : ट्राइब्यल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 12 क्षेत्रों में 30 फैलोशिप को मंजूरी दी
रिसर्च व पालिसी में फैलोशिप जनजाति कल्याण के लिए विशेष नीति बनाई जाएगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: ट्राइब्यल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने साल 2021-22 के लिए 12 विभिन्न क्षेत्रों में 30 फैलोशिप को मंजूरी दी है। जम्मू कश्मीर में जनजाति समुदाय के युवाओं के आर्थिक, सामाजिक व ढांचागत विकास के लिए रिसर्च व पढ़ाई के लिए फैलोशिप दी जा रही है।

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जनजाति मामलों के विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि विभाग ने विभिन्न क्षेत्रों में फैलोशिप को मंजूरी दी है। सामान्य प्रशासनिक विभाग ने कुछ समय पहले एक वर्किंग ग्रुप बनाया था। जनजाति मामलों के विभाग के सचिव को ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था। वर्किंग ग्रुप को ट्राइब्यल रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाने का कार्य दिया गया था। फैलोशिप को शुरू करना इंस्टीट्यूट का पहला कार्य है।

फैलोशिप 12 क्षेत्रों में शुरू की गई है जिसमें स्वास्थ्य और पोषण, रिमोट सेंसिंग, पशु भेड़ पालन व डेयरी, जन स्वास्थ्य व सफाई, रिसर्च एंड पालिसी, साहित्य, कला, वेब डिजाइनिंग, आईटी एंड डिजिटेशन, वन अधिकार कानून लागू करना, महिला सशक्तिकरण, जनजाति युवाओं के लिए आजीविका योजनाएं शामिल है।

मेडिसन व जन स्वास्थ्य के ग्रेजुएट विद्यार्थी जनजाति समुदाय के लोगों के स्वास्थ्य का सर्वे करेंगे। विभिन्न स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे। उनकी फील्ड रिपोर्ट जनजाति स्वास्थ्य योजना को सहयोग देंगे। रिमोट सेंसिंग में जनजाति गांवों की मैपिंग होगी। रिसर्च व पालिसी में फैलोशिप जनजाति कल्याण के लिए विशेष नीति बनाई जाएगी।

डेयरी में दूध के सौ गांवों को विकसित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कला, संस्कृति व साहित्य की फैलोशिप में जनजाति समुदाय की संस्कृति के संरक्षण पर काम होगा।

उपराज्यपाल के समक्ष उठाए जनहित के मुद्दे : उड़ी के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को बीडीसी चेयरपर्सन रफीक अहमद की अध्यक्षता में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ मिला। इसमें जिला विकास परिषद, बीडीसी चेयरपर्सन शंगस के अलावा सामाजिक और धार्मिक संगठनों के सदस्य भी थे। उन्होंने उपराज्यपाल से सड़क सुपर्क, सीमांत पर्यटन, मोबाइल नेटवर्क सयहित विकास से संबधित कई मुद्दे उठाए। उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार दूरदराज के क्षेत्रों के विकास पर जोर दे रही है। ग्रामीण स्तर पर योजनाएं बनाकर उन्हें लागू किया जा रहा है। उन्होंने सभी से इसी तरह जनहित के मुद्दों को उनके समक्ष रखने के लिए कहा। इससे पहले पूर्व एमएलसी सुरेंद्र अंबरदार ने भी उपराज्यपाल से मिलकर उनके समक्ष जनहित के मुद्दे रखे। उन्होंने कश्मीरी पंडितों की अचल संपत्ति को वापस दिलाने के लिए सरकार द्वारा पोर्टल बनाने की भी सराहना की।


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