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Jammu Kashmir: ट्रांसपोर्टर 10 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, 75000 वाहनों के चक्के हो जाएंगे जाम

ट्रांसपोर्टरों की ओर से आरटीओ कार्यालय में पुराने वाहनों को बदलने के लिए कई आवेदन किए जा चुके हैं लेकिन आज तक किसी का भी निपटारा नहीं किया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 01:08 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 01:08 PM (IST)
Jammu Kashmir: ट्रांसपोर्टर 10 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, 75000 वाहनों के चक्के हो जाएंगे जाम
Jammu Kashmir: ट्रांसपोर्टर 10 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, 75000 वाहनों के चक्के हो जाएंगे जाम

जम्मू, जागरण संवाददाता। केंद्र शासित प्रदेश के ट्रांसपोर्टर अपनी मांगों को मनवाने के लिए अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। ट्रांसपोर्टरों ने साफ किया कि 10 मार्च को प्रदेश प्रवेश द्वार लखनपुर से कश्मीर तक 75 हजार कमर्शियल वाहनों के चक्के अनिश्चितकालीन के लिए जाम हो जाएंगे और जब तक उन्हें सरकार की ओर से इंसाफ नहीं मिलेगा तब तक ट्रांसपोर्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी।

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ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले शहर के वेयर हाउस में ट्रांसपोर्टरों की बैठक चेयरमैन टीएस वजीर की अध्यक्षता में हुई। इसमें बस, ट्रक, ऑयल टैंकर, टैक्सी, मिनी बस सहित आॅटो यूनियन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वजीर ने ट्रांसपोर्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा जानबूझकर ट्रांसपोर्टरों को प्रताड़ित किया जा रहा है। प्रदेश में जगह-जगह नाके लगाकर ट्रांसपोर्टरों से भारी जुर्माना वसूला जा रहा है। टारगेट पूरा करने के चक्कर में प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात एग्जीक्यूटिव पुलिस को भी सरकारी खजाना भरने के लिए चालान काटने में लगाया गया है। गत वर्ष भी तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक और मौजूदा उपराज्यपाल जीसी मुर्मू से बैठक कर ट्रांसपोर्टरों की मांगों और पेश आ रही परेशानियों से अवगत भी करवाया गया था लेकिन आज तक सिवाय आश्वासन के कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है।

ट्रांसपोर्टरों को अब विवश होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। बन टोल प्लाजा और सरोर टोल प्लाजा से कमर्शियल और नान कमर्शियल वाहनों से भारी भरकम टोल टैक्स वसूला जा रहा है। सरकार को इसको मद्देनजर रखते हुए यात्री किराया बढ़ाना चाहिए या फिर इन टोल प्लाजा को समाप्त कर देना चाहिए। सरकार को ट्रांसपाेर्टरों की ओर से कास्ट ऑफ आपरेशन भी गत वर्ष बैठक के दौरान सौंप दिया गया था लेकिन बावजूद इसके आज तक यात्री किराया नहीं बढ़ाया गया है।

कठुआ रूट बस यूनियन के अध्यक्ष स. कुलदीप सिंह ने ट्रांसपोर्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने दो अगस्त 2019 को एसआरओ-492 जारी करते हुए नए वाहनों से 9 प्रतिशत टोकन टैक्स वसूलने का आदेश दिया था लेकिन बावजूद इसके दो अगस्त से पहले खरीदे गए वाहनों से भी नौ प्रतिशत टोकन टैक्स वसूला जा रहा है। इसकी वजह से ज्यादातर कमर्शियल वाहनों के टोकन टैक्स और फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाने की वजह से कफी समय से सड़कों पर खड़े हैं। इससे हर रोज वाहन मालिकों को हजारों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

ट्रक यूनियन के अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2018 तक पैसेंजर टैक्स माफ कर दिया था। उसके उपरांत अब परिवाहन ऐप में पैसेंजर टैक्स की आॅनलाइन अदायगी करने का कोई भी प्रावधान नहीं है लेकिन बावजूद इसके ट्रांसपोर्ट विभाग मैन्युअल तरीके से पैसेंजर टैक्स जमा कर रहा है। 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के उपरांत पैसेंजर टैक्स वसूला जाना तर्कसंगत नहीं है क्योंकि देशभर के अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में पैसेंजर टैक्स नहीं वसूला जाता है।

छम्ब रूट के अध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि सरकार ने 15 से 25 वर्ष पुराने कमर्शियल वाहनों को हटाने के लिए सब्सिडी स्कीम लागू की है। ट्रांसपोर्टरों की ओर से आरटीओ कार्यालय में पुराने वाहनों को बदलने के लिए कई आवेदन किए जा चुके हैं लेकिन आज तक किसी का भी निपटारा नहीं किया गया है।

ट्रांसपोर्टरों ने साफतौर पर यात्री किरायों में बढ़ोतरी करने सहित 9 प्रतिशत टोकन टैक्स हटाने, ट्रांसपोर्ट को इंडस्ट्री का दर्जा देने सहित अन्य जायज मांगों को पूरा करने के लिए 9 मार्च तक का समय दिया है। अगर इस दौरान उनकी सभी मांगों को पूरा नहीं किया तो 10 मार्च को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के 75 हजार कमर्शियल वाहनों के चक्के अनिश्चितकाल के लिए जाम हो जाएंगे। इससे प्रदेश के विभिन्न रूटों पर बस, ट्रक, ऑयल टैंकर, मिनी बसें, टैक्सियां और आॅटो रिक्शा हड़ताल पर चले जाएंगे। प्रदेश की जनता को होने वाली परेशानियों के लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार रहेगी।

बैठक में ऑल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव विजय कुमार शर्मा, आटो यूनियन के अध्यक्ष शांति स्वरूप गुप्ता, आरएसपुरा रूट के अध्यक्ष लाभ सिंह, ऑल जेएंडके ऑयल टैंकर्स ड्राइवर्स, क्लीनर्स यूनियन के अध्यक्ष रंजीत सिंह रैना, महासचिव देवेन्द्र सिंह रैना सहित अन्य ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

क्या हैं मांगे

  • नए वाहनों, पुराने वाहनों से 9 प्रतिशत टैक्स वसूलने के आदेश को वापिस लिया जाए
  • पैसेंजर टैक्स माफ किया जाए, केंद्र शासित प्रदेश में टोकन टैक्स नहीं वसूला जाता है
  • ट्रैफिक, एग्जीक्यूटिव पुलिस की मनमानियों को खत्म किया जाए
  • यात्री किराया बढ़ाया जाए या टोल प्लाजा हटाया जाए
  • ट्रांसपोर्ट सब्सिडी स्कीम को लागू किया जाए

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