Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: जेएंडके टीचर्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग से पूछा- अनट्रेंड टीचर कौन हैं, स्पष्ट करें

एसोसिएशन ने कोरोना काल में शिक्षकों की सामुदायिक व ऑनलाइन कक्षाएं लेने की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षकों ने अपनी क्षमता को साबित किया है। हम बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन विभाग ऐसे काम कर शिक्षकों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 02:01 PM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 02:01 PM (IST)
Jammu Kashmir: जेएंडके टीचर्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग से पूछा- अनट्रेंड टीचर कौन हैं, स्पष्ट करें
श्रीनगर में जेएंडके टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्रकारवार्ता का आयोजन कर इस अनट्रेंड शब्द के प्रति अपनी नाराजगी जताई।

जम्मू, जागरण संवाददाता: जेएंडके टीचर्स एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग से पूछा है कि अनट्रेंड टीचर्स काैन है और उनकाे अनट्रेंड घोषित करने का पैमाना क्या है। एसोसिएशन ने यह सवाल शिक्षा विभाग की ओर से शुरू किए गए ट्रेनिंग प्रोग्राम इम्पेक्ट को लेकर उठाए जिसमें 35 हजार शिक्षकोें को अनट्रेंड बताकर उनको ट्रेनिंग दी जा रही है।

prime article banner

श्रीनगर में जेएंडके टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्रकारवार्ता का आयोजन कर इस अनट्रेंड शब्द के प्रति अपनी नाराजगी जताई। उनका कहपा था कि इन अनट्रेंड टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में नब्बे प्रतिशत से ज्यादा वे शिक्षक हैं जिन्होंने पढ़ाने की प्रोफेशनल डिग्री बी.एड और एम.एड की है। उनके साथ काम करने वाले कई ऐसे शिक्षक हैं जो यही डिग्री या इससे भी कम पढे हैं, को ट्रेनिंग के लिए नहीं बुलाया गया जबकि कुछ को इस अनट्रेंड टीचर्स ट्रेनिंग में बुलाया गया जिससे शिक्षकों में हीन भावना पैदा हो रही है।

पदाधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों को चाहे पूरा वर्ष ट्रेनिंग दी जाए, वे इसके खिलाफ नहीं है। यह शिक्षकों के लिए अच्छा है लेकिन किसी को अनट्रेंड बताकर उसे ट्रेनिंग में बुलाना शिक्षकों का मनोबल कम करने जैसा है। विभाग बताए कि उसने किसी टीचर्स को अनट्रेंड बताने के लिए क्या पैमाना तय किया है। शिक्षकों में इस शब्द से बहुत आपत्ति है। शिक्षकों में पढ़ाने की क्षमता बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। यह सबके लिए होने चाहिए। इसमें किसी के साथ भेदभाव न हो।

एसोसिएशन का कहना था कि एक स्कूल में पांच शिक्षक बराबर पढ़े हैं और उनको पढ़ाने का अनुभव भी समान है। ऐसे में उनमें से दो को अनट्रेंड टीचर्स ट्रेनिंग में बुलाना उनका अपमान है। एसोसिएशन ने कोरोना काल में शिक्षकों की सामुदायिक व ऑनलाइन कक्षाएं लेने की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षकों ने अपनी क्षमता को साबित किया है। हम बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं लेकिन विभाग ऐसे काम कर शिक्षकों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.