Jammu Kashmir: राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष की तैयारी में शिव सेना ठाकरे
Jammu Kashmir Shiv Sena Thackeray हस्ताक्षर कराने के लिए कार्यकर्ता अब घर-घर जाएंगे और लोगों का समर्थन जुटाएंगे। साहनी ने कहा कि 15 माह का इंतजार किया लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य बनाने की दिशा में अभी तक कोई संकेत नही मिल रहे।
जम्मू, जागरण संवाददाता: अनुच्छेद 370 खत्म कर जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। केंद्र सरकार ने कहा कि जल्दी ही जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापिस दिया जाएगा। लेकिन 15 माह गुजरने के बाद भी अभी तक केंद्र सरकार ने राज्य का दर्जा वापिस लौटाने की दिशा में कोई कदम नही उठाए। इसको देखते हुए अब जम्मू के कई संगठन राज्य का दर्जा पाने के लिए आंदोलन छोड़ने का मंसूबा बना रहे हैं।
शिव सेना ठाकरे ने तो लोगों का समर्थन जुटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है। इसकी शुरूआत जम्मू-कश्मीर यूनिट के प्रधान मनीश साहनी ने की। अगले तीन सप्ताह के दौरान 10 लाख हस्ताक्षर लोगों से कराए जाएंगे और फिर इनको 26 जनवरी के दिन प्रधानमंत्री को सौंपा जाएगा।
हस्ताक्षर कराने के लिए कार्यकर्ता अब घर घर जाएंगे और लोगों का समर्थन जुटाएंगे। साहनी ने कहा कि 15 माह का इंतजार किया लेकिन जम्मू-कश्मीर को राज्य बनाने की दिशा में अभी तक कोई संकेत नही मिल रहे। जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली के लिए चुनाव होने चाहिए मगर इससे पहले राज्य के दर्जे की बहाली होनी चाहिए।
मौके पर गुलाब चंद दूबे ने कहा कि केंद्र सरकार अपने वायदे को पूरा करे और जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाए नही हो तो लोगों को आंदोलन खड़ा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
वहीं पैंथर पार्टी पहले ही कई बार प्रदर्शन कर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने की मांग कर चुकी है। बार्डर यूथ फोरम के सीनियर नेता देवेंद्र सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म करते समय जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाना सरकार की मजबूरी हो सकती है, लेकिन अब यहां पर लोकतंत्र की बहाली होनी चाहिए।
पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से ही यहां पर विकास होगा। इसलिए या तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापिस दिलाया जाए नही तो हम लोग अब आंदोलन करने के लिए तैयार है।