Jammu Kashmir: बुजुर्गों ने खोला मोर्चा, डीए पर रोक न हटाई तो करेंगे आंदोलन
शास्त्री ने कहा कि डीए वेतन वृद्घि का हिस्सा नहीं है यह लगातार बढ़ती महंगाई से कर्मचारियों व पेंशनर्स को राहत है जो सरकार की ओर से दी जाती है।पिछले एक साल में महंगाई दर कई फीसद बढ़ी है जिससे समाज के बुजुर्ग वर्ग की दिक्कतें बढ़ गई है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: समाज के बुजुर्ग तबके ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा है कि अगर सरकार ने उनके डीए पर लगाए गए प्रतिबंध को नहीं हटाया तो आने वाले दिनों में वे सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।
इन बुजुर्गों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच वो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं लेकिन सरकार ने उन्हें राहत प्रदान करने की बजाय उनके डीए पर भी रोक लगा दी है जिससे उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बुजुर्गों के अनुसार डीए उनका हक है और सरकार ने डीए पर रोक लगाकर उनके हकों को छीना है।
नेशनल मजदूर कांफ्रेंस के प्रधान सुभाष शास्त्री ने एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पहली जनवरी 2020 और जून 2020 के बाद अब जनवरी 2021 की डीए किश्त भी लंबित हो गई है। शास्त्री ने कहा कि सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारी व पेंशनर्स वर्ग काफी आर्थिक तंगी का शिकार हो रहा है।
शास्त्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकारी कर्मचारी भी कोरोना योद्घाओं के तौर पर प्रथम पंक्ति में काम कर रहे हैं और ऐसे कोरोना योद्धाओं को उनके हक से वंचित रखना उचित नहीं। शास्त्री ने कहा कि डीए वेतन वृद्घि का हिस्सा नहीं है, यह लगातार बढ़ती महंगाई से कर्मचारियों व पेंशनर्स को राहत है जो सरकार की ओर से दी जाती है। शास्त्री ने कहा कि पिछले एक साल में महंगाई दर कई फीसद बढ़ी है जिससे समाज के बुजुर्ग वर्ग की दिक्कतें बढ़ गई है।
पत्रकार वार्ता के दौरान राजन बाबू खजूरिया, बीएस जम्वाल, सुरेंद्र कुमार, रमेश शर्मा, तरसेम शर्मा, गिरदारी लाल, दर्शन बावा, गारा राम व जेपी शर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे।