Jammu: रंगमंच के लिए प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प की जरूरत होती है: वरिष्ठ कलाकार अनिल टिक्कू
पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने कहा कि दुनिया भर में इस फेस बुक लाइव इस टाॅक शो को बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है। लोगों को दुनिया भर के रंगकर्मियों नाट्य निर्देशकों से मिलने का मौका मिला। कला प्रेमियों को इससे काफी कुछ नया सीखने को मिल रहा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता: रंगमंच के लिए प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प की जरूरत होती है।लक्ष्य के साथ रंगमचं करना जरूरी है। लक्ष्य रातों-रात प्राप्त हो जाएगा, ऐसा नहीं होता। नटरंग इंटरनेशनल थिएटर टॉक शो में जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ कलाकार संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित अनिल टिक्कू ने नुक्कड़ नाटक काे रंगमंच की नर्सरी बताते हुए कहा कि चीजों की गंभीरता को समझना और दूसरों को देखने के लिए एक परखी नजर की जररूत है। हमारे आसपास हजारों चिरत्र घूम रहे होते हैं, हर एक को समझने की जरूरत होती है।
अनिल टिक्कू का मानना है कि व्यक्तित्व विकास में रंगमंच का विशेष योगदान हो सकता है। ऐसा उन्होंने बच्चों की रंगमंच कार्यशालाओं में देखा है, महसूस किया है। बावा जित्तो और महाभोज जैसे नाटकों में काम करने के दौरान उन्हें जो बेहतरीन प्रशिक्षण मिला वह उल्लेखनीय था। विभिन्न भूमिकाओं के लिए तैयारी करने की अपनी प्रक्रिया के बारे में बोलते हुए, अनिल बताते हैं कि अवलोकन सार्थक काम की कुंजी है और यदि आप अच्छी तरह से देखते हैं, तो आप सही रास्ते पर हैं।कोई भी भूमिका निभाने से पहले चरित्र को पूरी तरह से समझ लेने से ही अच्छा अभिनय संभव है।अभिनय करते समय, अपने सह-कलाकारों और नाटक के कथानक को हमेशा अपने दिमाग में रखें क्योंकि आप अलगाव में थिएटर नहीं कर रहे हैं। टिक्कू मानते हैं कि अभिनय एक समग्र कला है और इसके लिए बहुत अभ्यास और कभी न खत्म होने वाले अपडेट की आवश्यकता होती है।
फेस बुक लाइव इस टाॅक शो के स्वागत भाषण में पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने कहा कि दुनिया भर में इस टॉक शो को बहुत अच्छा रिस्पांस मिला है। लोगों को दुनिया भर के रंगकर्मियों, नाट्य निर्देशकों से मिलने का मौका मिला। कला प्रेमियों को इससे काफी कुछ नया सीखने को मिल रहा है। अनिल टिक्कू का परिचय करवाते हुए नटरंग के वरिष्ठ कलाकार मोहम्मद यासीन ने बताया कि अनिल टिक्कू वर्ष 1989 से नटरंग के साथ रंगमंच कर रहे हैं।100 से अधिक नाटकों में मुख्य भूमिका निभा चुके हैं।
सौ से ज्यादा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय नाट्योत्सवों में भाग ले चुके हैं।उन्होंने फ्रैंकफर्ट इंटरनेशनल थिएटर फेस्टिवल, फ्रैंकफर्ट, जर्मनी, रूस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। भूटान के राष्ट्रीय दिवस समारोह के लिए सांस्कृतिक दल का नेतृत्व किया। पिछले 31 वर्षों से वह लगातार एक अभिनेता के रूप में रंगमंच के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और यूनेस्को और यूनिसेफ द्वारा समर्थित अभियानों का हिस्सा रहे हैं।
इस मेगा ऑनलाइन कार्यक्रम का समन्वय करने वालों में नीरज कांत, सुरेश कुमार, संजीव गुप्ता, विक्रांत शर्मा, सुमीत शर्मा, आरुषि ठाकुर राणा, मोहम्मद यासीन, गौरी ठाकुर और राहुल सिंह शामिल हैं।