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जम्मू-कश्मीर में अब गांवों में वजूद खोजने चली कांग्रेस, 'आओ पंचायत में चलें' अभियान किया शुरू

बैक-टू-विलेज के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए गए। इस अभियान के दौरान किए गए विकास के वादे पूरे नहीं हुए हैं। इसलिए हमने केंद्र और प्रदेश सरकार के खोखले नारों की हकीकत सामने लाने के लिए पंचायतों में जाने का फैसला किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 09:06 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 09:06 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर में अब गांवों में वजूद खोजने चली कांग्रेस, 'आओ पंचायत में चलें' अभियान किया शुरू
सभी प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी प्रत्येक पंचायत या किसी बड़े गांव में दो दिन एक रात बिताते हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: अपना वजूद बचाने की नई कोशिश में जम्मू कश्मीर में कांग्रेस अब गांवों का रुख किया है। कांग्रेस विभिन्न गांवों में विकास, रोजगार और आॢथक तरक्की के मुद्दों को उठा रही है। साथ ही प्रदेश व केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए आम लोगों को अपने साथ जोडऩे का प्रयास करने लगी है। अपने इस अभियान को कांग्रेस ने 'आओ पंचायत में चलें' नाम दिया है।

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अंतर्कलह से त्रस्त प्रदेश कांग्रेस के कर्णधारों को लगता है कि अगर उन्हें जम्मू कश्मीर में अपना वजूद किसी तरह बनाए रखना है तो एक बार फिर आम लोगों के साथ जुड़ना जरूरी है। इसके लिए आओ पंचायत में चलें से बेहतर कोई दूसरा कार्यक्रम नहीं हो सकता। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीए मीर ने कहा कि जम्मू कश्मीर की अधिकांश आबादी गांवों में ही रहती है। गांवों में ही सबसे ज्यादा लोग वोट डालने निकलते हैं। सबसे ज्यादा शोषित व पिछड़े भी ग्रामीण ही होते हैं। अगर जम्मू कश्मीर सरकार और केंद्र सरकार के विकास के वादों की हकीकत को देखना है तो गांव देखने चाहिए। गांवों में बेरोजगारी खूब है, सड़कें टूटी हुई हैं, पेयजल और बिजली आपूॢत सिर्फ खानापूॢत तक है। स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है।

गांवों में यह करेगी कांग्रेस: मीर ने कहा कि बैक टू विलेज के नाम पर सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए गए। इस अभियान के दौरान किए गए विकास के वादे पूरे नहीं हुए हैं। इसलिए हमने केंद्र और प्रदेश सरकार के खोखले नारों की हकीकत सामने लाने के लिए पंचायतों में जाने का फैसला किया है। प्रत्येक पंचायत में हम रैलियां और बैठकें करेंगे। सरकार की नाकामियों से लोगों को अवगत कराएंगे। स्थानीय लोगों से बातचीत कर और बैक टू विलेज की आड़ में उनके साथ हुए विश्वासघात की एक पूरी रिपोर्ट भी बनाएंगे। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार गांव की ओर (बैक टू विलेज) कार्यक्रम के तीन चरण चला चुकी है। इसके तहत सभी प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी प्रत्येक पंचायत या किसी बड़े गांव में दो दिन एक रात बिताते हैं।

कांग्रेस के मुद्दे जनता को नहीं लुभाते: दुआ

जम्मू कश्मीर के राजनीतिक मामलों के जानकार सन्नी दुआ ने कहा कि कांग्रेस आज जिन मुद्दों के सहारे खुद को खड़ा करना चाहती है, वह आम लोगों को ज्यादा नहीं लुभाते। बेकारी, गरीबी, अशिक्षा, पिछड़ेपन के मुद्दे पर कांग्रेस खुद सवालों के घेरे में आ जाती है। प्रयास अच्छा है, लेकिन बेहतर यही होगा कि जीए मीर जनता के बीच जाते हुए कुछ साफ स्वच्छ और बेदाग छवि वाले नए चेहरों को ले जाएं, जिन्हें लोग गंभीरता से सुनें। अन्यथा पंचायत की ओर जाएं या शहर में जाएं, कांग्रेस को कोई भी आक्सीजन ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रख पाएगी। 


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