Kashmir Militancy: कश्मीर घाटी में अभी भी दो वाहन बम मौजूद, तलाश के लिए पुलिस ने बनाया विशेष दल
विजय कुमार ने यह भी बताया कि वलीद और लंबू द्वारा तैयार किए गए दाे अन्य वाहन बमों को आतंकियों ने अपने किसी सेफ हाउस में छिपा रखा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूराे। कश्मीर घाटी को दहलाने के लिए जैश-ए-मोहम्मद द्वारा तैयार किए गए दो वाहन बमों का समय पर पता लगाने के लिए पुलिस ने एक विशेष दल बनाया है। पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में पुराने वाहनों को बेचने वालों के अलावा कुछ मैकेनिकों को पूछताछ के लिए तलब किया है। बीते छह माह के दौरान चोरी हुए वाहनों की भी सूची तैयार की जा रही है और इसके अलावा पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के ओवरग्राउंड वर्कराें (OGW) से भी इस बारे में नए सिरे से पूछताछ हो रही है।
पुलवामा में आइईडी लैस सेंट्रो कार पकड़ने और उसे सुरक्षित ढंग से नष्ट करने के बाद पुलिस को अपने खुफिया तंत्रों से यह पता चला है कि घाटी में एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए जैश-ए-मोहम्मद 14 फरवरी 2019 जैसा कोई बड़ा हमला दोहराने की फिराक में है। इसी साजिश को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने बीते माह दक्षिण कश्मीर में हाईवे पर सुरक्षाबलाें पर हमला करने के लिए जिस कार बम का इस्तेमाल करना था, उसी कार को ही पुलिस ने 28 मई को बरामद कर नकारा कर दिया था। इसी मामले की छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि आतंकियों ने एक नहीं, बल्कि तीन वाहन बम तैयार किए हैं।
आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने भी आतंकी कमांडर अब्दुल रहमान व उसके दो अन्य साथियों के मारे जाने के बाद दो और वाहन बमों की मौजूदगी की संभावना जतायी है। अब्दुल रहमान उर्फ फौजी आइईडी बनाने में माहिर था। वह किसी भी वाहन को विस्फोटक बम में तब्दील करने की महारत रखता था। 28 मई को पुलवामा में जिस आइईडी लैस सेंट्रो कार को पकड़ा गया उसे भी अब्दुल रहमान ने ही अपने साथियों संग मिलकर तैयार किया था।
वलिद और लंबू ने तैयार किए हैं दोनों वाहन बम: विजय कुमार ने यह भी बताया कि जैश के पास अभी भी दो आइईडी बनाने के माहिर आतंकी मौजूद हैं जिनका नाम वलीद और लंबू है। यह भी सूचना मिली है कि वलीद और लंबू द्वारा तैयार किए गए दाे अन्य वाहन बमों को आतंकियों ने अपने किसी सेफ हाउस में छिपा रखा है। इनमें से एक वाहन बम जिला बडगाम में है, जबकि दूसरा पुलवामा व कुलगाम के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास रखा है।
बड़े हमले की फिराक में हैं आतंकी: अब्दुल रहमान उर्फ फौजी के मारे जाने से आतंकियों की कारबम धमाका करने की साजिश कुछ दिनों तक ही टली होगी, वे मौका मिलते ही इस साजिश को अंजाम देंगे। वे किसी बड़े सुरक्षा प्रतिष्ठान को निशाना बनाने के अलावा सुरक्षाबलों के काफिले पर भी हमला कर सकते हैं। आतंकियों के हमले की दृष्टि से संवेदनशील प्रतिष्ठानों और इलाकों का आकलन किया जा रहा है। इसके अलावा उन जगहों को भी चिन्हित किया जा रहा है, जहां यह वाहन बम हो सकते हैं। बडगाम, पुलवामा और कुपवाड़ा के उन इलाकाें को भी खंगाला जा रहा है, जहां से इन वाहन बमों को हाईवे पर लाया जा सकता है।
पुलिस ने विशेष दल बनाया: इन वाहन बमों का पता लगाने के लिए पुलिस ने एक विशेष दल बनाया है। पुलिस ने बीते कुछ महीनों के दौरान पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के ओवरग्राउंड वर्करों से हुई पूछताछ की रिपोर्ट का आकलन करते हुए, उनमें से कई से दोबारा पूछताछ शुरू की है। इनमें से अधिकांश वह ओवरग्राउंड वर्कर हैं जो पुलवामा और बडगाम जिले के चाडूरा इलाके से संबंध रखते हैं।