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Jammu Kashmir: आयुष्मान भारत कार्ड के नाम पर हो रही ठगी, जम्मू के कुछ लोगों ने की शिकायत, लगाया धोखाधड़ी का आरोप

वहीं उनसे कहा गया कि एक सप्ताह के भीतर सभी को कार्ड दे दिए जाएंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आठ महीनों के बाद भी उन्हें कार्ड जारी नहीं किए गए। इन लोगों ने आरोप लगाया कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि कैंप आयोजित करने वाले कौन थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 09:25 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 09:25 AM (IST)
Jammu Kashmir: आयुष्मान भारत कार्ड के नाम पर हो रही ठगी, जम्मू के कुछ लोगों ने की शिकायत, लगाया धोखाधड़ी का आरोप
जम्मू के डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी को मामले की जांच करवाने को कहा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: सभी को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करवाने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत के तहत सभी को समय पर कार्ड मिलें, इसके लिए प्रशासन ने कई जगहों पर कैंप भी आयोजित किए। लेकिन इन कैंपों में पंजीकरण करवाने वालों के महीनों बाद भी कार्ड नहीं बने हैं। लोग आरोप लगा रहे हें कि उनसे रुपये भी लिए गए और कार्ड भी नहीं दिए गए। लोग अब धोखाधड़ी की शिकायत करने लगे हैं। लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अलावा जम्मू के डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी को भी पत्र लिखकर अपनी शिकायतें दर्ज करवाई है।

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जम्मू में प्रशासन ने पिछले साल वार्ड स्तर पर कैंप आयोजित किए थे। ऐसा ही एक कैंप चौगान सलाथिया वार्ड नंबर एक में भी आयोजित किया था। कैंप सिदमत सेंटर की ओर से आयोजित किया गया था। इसमें लोगों को कार्ड के लिए तीस रुपये फीस देनी थी मगर लोगों का आरोप है कि उनसे पचास से सौ रुपये लिए गए।

वहीं उनसे कहा गया कि एक सप्ताह के भीतर सभी को कार्ड दे दिए जाएंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आठ महीनों के बाद भी उन्हें कार्ड जारी नहीं किए गए। इन लोगों ने आरोप लगाया कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि कैंप आयोजित करने वाले कौन थे और उन्हें किसने इजाजत दी थी। कोरोना महामारी में जहां गोल्डन कार्ड की जरूरत पड़ रही है, वहीं इस वार्ड के लोग अभी तक प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने जम्मू के डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी को मामले की जांच करवाने को कहा।

वहीं पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने लोगों की इस मांग पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तिय आयुक्त अटल ढुल्लू को पत्र लिखकर मामले की जांच करवाने को कहा। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर जारी होने वाले कार्ड अगर आठ महीनों में भी जारी न हो तो इसके कारणों का पता लगाया जाना चाहिए।


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