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Jammu Kashmir Panchayat Elections: सशर्त पंचायत उपचुनाव लड़ेगी नेकां, भाजपा ने प्रचार शुरू किया, पीडीपी खामोश

नेशनल कांफ्रेंस ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार को पत्र लिखा है कि पार्टी चुनाव लड़ने को राजी है लेकिन बाधाएं दूर करना जरूरी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 11:04 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 11:47 AM (IST)
Jammu Kashmir Panchayat Elections: सशर्त पंचायत उपचुनाव लड़ेगी नेकां, भाजपा ने प्रचार शुरू किया, पीडीपी खामोश
Jammu Kashmir Panchayat Elections: सशर्त पंचायत उपचुनाव लड़ेगी नेकां, भाजपा ने प्रचार शुरू किया, पीडीपी खामोश

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पंचायत उपचुनाव के मैदान में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) भी उतरने के लिए तैयार है, लेकिन पार्टी ने शर्त रखी है कि उसके नेताओं को रिहा किया जाए। नेकां का कहना है कि चुनावों की तैयारियों को तेजी देने के लिए नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए।

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इस बार जम्मू-कश्मीर में पंचायत उपचुनाव में पार्टियां अपने चुनाव चिह्न् पर प्रत्याशी उतार सकेंगी। बीते 70 वर्षो में यह पहला मौका होगा, जब जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनावों में उम्मीदवार अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न् के साथ मतदाताओं के पास जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में रिक्त 1011 सरपंच और 11639 पंच पदों पर होने वाले चुनाव पांच मार्च से शुरू होंगे। अभी लद्दाख में रिक्त पंच-सरपंच हलकों के लिए चुनाव नहीं हो रहा है।

पहले चरण की अधिसूचना के साथ ही प्रदेश भाजपा ने प्रचार शुरू कर दिया है। जबकि पीडीपी खामोश है। इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार को पत्र लिखा है कि पार्टी चुनाव लड़ने को राजी है, लेकिन बाधाएं दूर करना जरूरी है। नेकां प्रधान फारूक अब्दुल्ला, उप प्रधान उमर अब्दुल्ला और अली मोहम्मद सागर पीएसए के तहत हिरासत में हैं।

इन नेताओं की हिरासत का हवाला देते हुए रतन लाल ने लिखा है कि प्रचार के लिए ऐसी अड़चनें दूर हो। उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से सलाह मांगी है कि वह बताएं कि चुनाव की राह में आ रही बाधाओं को किस तरह से दूर किया जा सकता है? जब तक वरिष्ठ नेता रिहा नहीं होंगे, उम्मीदवारों को चुनेंगे कैसे। पत्र की एक कापी मुख्य चुनाव आयुक्त को भी भेजी गई है।

भाजपा ने प्रचार शुरू किया, पीडीपी खामोश

प्रदेश भाजपा ने पंचायत उपचुनावों को लेकर सियासी गतिविधियां और प्रचार शुरू कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने दावा किया है कि पार्टी उपचुनाव में कामयाब होगी। विकास को समर्पित पार्टी के उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए आगे लाया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर पंचायत उप चुनाव को लेकर पीडीपी खामोश है। पीडीपी प्रधान महबूबा मुफ्ती समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस समय कश्मीर में हिरासत में हैं। पैंथर्स पार्टी ने पंचायत व बीडीसी चुनाव में भी हिस्सा लिया था। ऐसे में इस पार्टी का चुनाव लड़ना तय है। नवंबर-दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर में हुए पंचायत चुनावों के दौरान 33592 पंच और 4290 सरपंच हल्कों में 22214 पंच और 3459 सरपंच चुने गए थे। शेष हल्के खाली रहे थे। इसके बाद पंच-सरपंचों के इस्तीफे, कुछ के असमय निधन और कुछ के बीडीसी चेयरमैन बनने के बाद भी रिक्त पड़े पंच-सरपंच हल्कों की संख्या बढ़ गई है। कश्मीर प्रांत के 10 जिलों में 137 में 128 और जम्मू प्रांत के 148 में से 146 ब्लॉक में 1011 सरपंच और 11639 पंच हल्कों में अब मतदान कराया जाएगा।


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